न्यूज जंक्शन 24, अल्मोड़ा : पहाड़ पर तमाम दावों के बाद भी स्वास्थ्य सेवाएं आज भी वैंटिलेटर पर हैं। स्थिति इतनी खराब है कि एक गर्भवती को सांस लेने में दिक्कत हुई। परिजन अस्पताल पहुंचे, चिकित्सकों ने उपचार करने से पहले कोरोना की जांच रिपोर्ट मांग ली। परिजन जांच कराने पहुंचे। जांच रिपोर्ट आ पाती कि उससे पहले ही गर्भवती की सांसें उखडऩे लगीं। अस्पताल प्रशासन ने सिलेंडर भी दिया, मगर वह कुछ ही देर में खत्म हो गया। फिर क्या था, अस्पताल गेट पर ही तड़पते-तड़पतेगर्भवती की जान निकल गई। परिजनों में कोहराम मच गया। इधर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हर बार की तरह इस मामले में भी जांच की बात कह रहे हैं।
कोसी कटारमल निवासी मुन्ना ङ्क्षसह की पत्नी आशा देवी को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। मुन्ना परिजनों संग पत्नी को लेकर महिला चिकित्सालय पहुंचे। आशा देवी चार माह के गर्भ से थीं। सांस की परेशानी बताने पर महिला को जिला अस्पताल ले जाने को कहा गया। वहां पर उसका उपचार करने के बजाय कोरोना टेस्ट कराने के लिए बेस अस्पताल को भेज दिया। महिला का कोरोना टेस्ट निगेटिव निकला। लेकिन सांस लेने में परेशानी ज्यादा होने लगी। बेस अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर महिला को वापस जिला चिकित्सालय लाया गया। अस्पताल के मुख्य गेट के पास पहुंचते ही सिलेंडर खत्म हो गया। परिजन जिला अस्पताल में सिलेंडर के लिए दौड़े, मगर वह नहीं उपलब्ध हुआ। उधर गर्भवती जिंदगी की जंग हार गई।
सीएमओ ने मौत का कारण जानने के लिए जांच कराने की बात कही है।
चिकित्सक मांगते रहे कोरोना जांच रिपोर्ट, अस्पताल गेट पर तड़प-तड़प कर गर्भवती ने तोड़ दिया दम
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