उत्तराखंड में आयोगों और समितियों के अध्यक्ष पदों पर दायित्व बांटने की तैयारी

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उत्तराखंड में निकाय चुनाव के बाद धामी सरकार विभिन्न आयोगों और समितियों के अध्यक्ष पदों पर दायित्व बांटने की योजना बना सकती है। राज्य में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यकाल समाप्त हो चुका है, जिनमें उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग, महिला आयोग और श्रीबदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्षों की कुर्सी शामिल है। इन पदों पर 3 साल का कार्यकाल इस सप्ताह समाप्त हो गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद की कुर्सी भी पिछले एक साल से खाली पड़ी है।

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना का कार्यकाल 6 जनवरी 2025 को समाप्त हो गया है, इसके साथ ही आयोग के छह सदस्य भी अपने पद से मुक्त हो गए हैं। इसी दिन राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल और श्रीबदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कार्यकाल भी समाप्त हुआ।

वहीं, उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग में अध्यक्ष के अलावा दो उपाध्यक्षों के पद भी खाली हैं। आयोग के उपाध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह का कार्यकाल अप्रैल 2024 और मजहर नईम नवाब का कार्यकाल सितंबर 2024 में समाप्त हो चुका है।

राज्य में वर्तमान में चुनाव आचार संहिता लागू है, लेकिन जैसे ही आचार संहिता समाप्त होती है, कई आयोगों और समितियों में अध्यक्ष पदों पर नए दायित्व मिल सकते हैं।