उत्तराखंड की जेलों में बंद कैदी अब बनेंगे सरकार की कमाई का जरिया, तेलंगाना की तर्ज पर होने जा रहा ये काम

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न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड में तेलंगाना की तर्ज पर जेल डेवलपमेंट बोर्ड (Jail Development Board in uttarakhand) गठन की तैयारी है। जेल डेवलपमेंट बोर्ड गठन के लिए जेल विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। इसका मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड की जेलों की व्यवस्थाओं में सुधार और स्किल्ड कैदियों के साथ अन्य कैदियों को हस्तकला कौशल रोजगार से जोड़कर जेलों के राजस्व को बढ़ाना है, ताकि राज्य की जेलों के उत्थान के लिए सरकार की निर्भरता को कम किया जा सके।

जेल विभाग के मुताबिक, अगर उत्तराखंड में जेल डेवलपमेंट बोर्ड (Jail Development Board in uttarakhand) का गठन होता है, तो इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। साथ ही प्रमुख सचिव गृह से लेकर जेल आईजी जैसे आलाधिकारी इसके सदस्य होंगे। बोर्ड के गठन के बाद जेलों में कैदियों को कच्चा माल उपलब्ध कराने से लेकर उसकी बाजार में उनकी मार्केटिंग के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा सकेगा। तेलंगाना राज्य की तर्ज पर उत्तराखंड की जेलों के राजस्व बढ़ाने के लिए जेलों की जमीन पर पेट्रोल पंप का भी संचालन किया जाएगा। इसके लिए देहरादून हरिद्वार, रुड़की और सितारगंज जैसे स्थान चिन्हित किए जाएंगे।

उत्तराखंड जेल आईजी पुष्पक ज्योति के मुताबिक अगर जेल डेवलपमेंट बोर्ड (Jail Development Board in uttarakhand) के गठन की अनुमति मिल जाती है तो जेलों के छोटे-मोटे कार्यों से लेकर आवश्यक संसाधनों को जेल बोर्ड अपने स्तर से राजस्व बढ़ाकर कर विकास कर सकेगा। अभी तक राज्य की 11 जेलों में स्किल्ड कैदियों द्वारा तैयार होने वाले उत्पादों से औसतन सालाना 50 से 60 लाख की आमदनी होती है लेकिन वह पैसा सरकार के खाते में चला जाता है लेकिन जेल डेवलपमेंट बोर्ड (Jail Development Board in uttarakhand) के बाद वह पैसा जेल बोर्ड के पास रहेगा, जिससे प्रदेश की जेलों का विकास किया जा सकेगा। अभी जेलों में कोई भी विकास कार्य या मरम्मत कराने के लिए सरकार से बजट की मांग करनी पड़ती है। बता दें, उत्तराखंड की 11 जेलों में 7000 से अधिक कैदी हैं।

जेल आईजी के मुताबिक हरिद्वार, रुड़की व देहरादून जेल में सहारनपुर (यूपी) जिले के ऐसे कई कैदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, जो विश्व प्रसिद्ध लकड़ी (फर्नीचर) नक्काशी जैसी हस्तकला में माहिर हैं। जेल बोर्ड के गठन के बाद उन कारीगरों से अन्य कैदियों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। उसके बाद जेलों में बाजार की डिमांड पर फर्नीचर तैयार किए जा सकेंगे। ऐसा होने से जेल बोर्ड (Jail Development Board in uttarakhand) का राजस्व बढ़ेगा।

तेलंगाना में हो रहा ये काम

तेलंगाना में जेल डेवलपमेंट के तहत जेलों में कई तरह उत्पाद तैयार करने के साथ ही पेट्रोल पंप भी संचालित किए जा रहे हैं, जिससे सालाना 100 करोड़ की आमदनी होती है। उसी तरह उत्तराखंड में भी जेल डेवलपमेंट बोर्ड का गठन कर जेलों का उत्थान और सुधार किया जाएगा। साथ ही राजस्व बढ़ाकर सरकार से मिलने वाली वित्तीय निर्भरता को कम करने का प्रयास किया जाएगा।

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