गणतंत्र दिवस विशेष : किसने डिजाइन किया था हमारा राष्ट्रीय ध्वज, क्यों बना यह तिरंगा

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न्यूज जंक्शन 24, हल्द्वानी। भारत आज अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर पूरे देश में हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा पूरे शान से फहराता है। इसे देखकर हर देशवासी राष्ट्रप्रेम और जोश से भर जाता है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज कैसे (how designed tiranga) बना था। इसमें ये तीन रंग ही क्यों शामिल किए गए। बीच में अशोक चक्र क्यों लगाया गया। इनका क्या महत्व है आैर ये क्या दर्शाती है। आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।

भारत का मान बढ़ाने वाले तिरंगे को डिजाइन (how designed tiranga) पिंगली वेंकैया ने किया था। वह आंध्र प्रदेश के मछलीपत्तनम के पास एक गांव के रहने वाला था। 19 साल की उम्र में वेंकैया ब्रिटिश आर्मी के सेना नायक बन गए थे। बाद में दक्षिण अफ्रीका में एंग्लो-बोअर युद्ध के दौरान पिंगली वेंकैया की मुलाकात महात्मा गांधी से हुई। इस मुलाकात के बाद उनमें बदलाव आया और वह स्वदेश वापस आ गए। उन्होंने ब्रिटिशों की गुलाबी के खिलाफ आवाज उठाते हुए स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया। उन्होंने 1921 में तिरंगे का निर्माण किया। तब पिंगली वेंकैया की उम्र 45 साल थी।

मगर भारत के लिए एक बेहतर ध्वज का निर्माण (how designed tiranga) करना इतना भी आसान नहीं था। पिंगली वेंकैया ने साल 1916 से 1921 तक करीब 30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज का अध्ययन किया, जिसके बाद उन्होंने तिरंगे को डिजाइन किया था। उस समय के तिरंगे और आज के तिरंगे में फर्क है। तब तिरंगे में लाल, हरा और सफेद रंग हुआ करता था। वहीं अशोक चक्र की जगह चरखे के चिन्ह को इसमें जगह दी गई थी। लेकिन 1931 में एक प्रस्ताव पारित होने के बाद लाल रंग को हटाकर उसकी जगह केसरिया रंग कर दिया गया।

मगर दिक्कत यहीं खत्म नहीं हुई। हमारा राष्ट्रीय ध्वज तो तैयार (how designed tiranga) हो चुका था, मगर इसे मान्यता नहीं मिली थी। तिंरगे को भारतीय ध्वज के तौर पर मान्यता मिलने में करीब 45 साल लग गए। चरखे के जगह अशोक चक्र को ध्वज में शामिल किया गया। 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान राष्ट्रीय ध्वज के वर्तमान स्वरूप को अपना लिया गया। उसके बाद इसे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर फहराया जाता है।

तिरंगे के रंगों का मतलब

तिरंगे में मौजूद तीन रंग हैं- केसरिया, सफेद और हरा। तीनों रंगों का अपना विशेष महत्व है। केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक है। सफेद रंग शांति और सच्चाई को दर्शाता है। वहीं हरा रंग संपन्नता का प्रतीक है। जब तिरंगा डिजाइन किया गया था, तब लाल और हरे रंग को हिंदू- मुस्लिम का प्रतीक और सफेद रंग को अन्य धर्मों के प्रतीक के तौर पर प्रस्तुत किया गया था। तिरंगे में सफेद रंग पर नीले रंग में सम्राट अशोक के धर्म चक्र चिन्ह के तौर पर बना है। अशोक चक्र का कर्तव्य का पहिया कहा जाता है, जिसमें शामिल 24 तीलियां मनुष्य के 24 गुणों को दर्शाती हैं।

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