उत्तराखंड में दो साल पहले हुए हत्याकांड मामले में पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। इस मामले में पुलिस ने हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसने पैसों के लेनदेन के चलते की हत्या की गई थी। आरोपी के कब्जे से हत्या में प्रयुक्त फावड़ा बरामद किया। एसएसपी ने पुलिस टीम को 1500 रुपए के ईनाम की घोषणा की है।
गांव गोपीपुरा निवासी जगदीश उर्फ साधू की 27 जुलाई 2022 को हत्या हुई थी। मृतक जगदीश की पत्नी दुर्गावती ने 22 मार्च 2023 को कोर्ट के आदेश से गांव के ही पप्पू उर्फ रमेश और बाबू के खिलाफ उसके पति की हत्या करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले की विवेचना कुंडा थाना प्रभारी को सौंपी गई थी। मौके पर कोई साक्ष्य न होने के कारण केस के संबंध में कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था। इस मामले में नामजद व्यक्ति सिर में पत्थर लगने के कारण जगदीश की मौत होने की बात कहकर पुलिस को गुमराह करता रहा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी किसी कुंद वस्तु से चोट आने की बात सामने आई थी।
वारदात का खुलासा करते हुए एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि कुंडा प्रभारी विक्रम सिंह राठौर के नेतृत्व में गठित टीम ने पूछताछ के आधार पर केस के संबंध में कई जानकारियां जुटाईं। पुलिस ने आरोपी रमेश उर्फ पप्पू पुत्र बीरबल का पॉलीग्राफी टेस्ट कराया। इसमें उसने जुर्म कबूल कर लिया। एसएसपी ने बताया कि घटना के दिन 800 रुपये के लेनदेन को लेकर जगदीश उर्फ साधू रमेश के साथ गाली गलोच कर रहा था। आवेश में उसने जगदीश पर फावड़े से प्रहार कर दिया। एक ही वार में वह जमीन पर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई।
परिवार को गुमराह करने के लिए उसने मृतक के घर जाकर कह दिया कि वह शराब पीकर पड़ा है। एसएसपी ने दो साल बाद वारदात का खुलासा करने वाली टीम की सराहना की है। एसएसपी ने खुलासा करने वाली टीम को डेढ़ हजार रुपये ईनाम की घोषणा की है। टीम में प्रभारी निरीक्षक विक्रम सिंह राठौर, एसआई होशियार सिंह व कांस्टेबल नरेश चौहान शामिल थे।