आरोप : श्रीराम मंदिर के लिए खरीदी जमीन में घोटाला, दो करोड़ में बिकी जमीन 10 मिनट बाद साढ़े 18 करोड़ में खरीदी

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लखनऊ। श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। पूर्व मंत्री और सपा नेता तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय व आप पार्टी के प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि ट्रस्ट ने 10 मिनट पहले खरीदी गई दो करोड़ की जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18.5 करोड़ रुपये में कराया है। बैनामा व रजिस्ट्री एक ही दिन हुई और दोनों में गवाह रहे ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा व अयोध्या महापौर ऋषिकेश उपाध्याय। इस मामले में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप कर सीबीआई जांच की मांग की गई है। वहीं ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और इन्हें राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित बताया है।

पवन पांडेय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि अयोध्या के बाग बिजेस्वर में स्थित 12080 वर्ग मीटर जमीन का बैनामा इसी साल 18 मार्च, 2021 को शाम 07:05 बजे बाबा हरिदास ने व्यापारी सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी को दो करोड़ रुपये में किया था। 10 मिनट बाद 7:15 बजे इसी भूमि का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ में करा लिया। ट्रस्ट ने 17 करोड़ रुपये सुल्तान व रवि मोहन के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किए हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब पहले से ही इस जमीन का रेट ट्रस्टी व महापौर को मालूम था तो ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गई कि दो करोड़ में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट बाद ही 18.5 करोड़ में खरीदना पड़ा।

संजय सिंह ने भी लगाया आरोप

वहीं, संजय सिंह ने लखनऊ में इसी मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अयोध्या में गाटा संख्या 243, 244, 246 की जमीन की मालियत 5 करोड़ 80 लाख रुपये है। इसका पहले दो करोड़ रुपये में बैनामा किया गया और पांच मिनट बाद ही इसे ट्रस्ट ने 18 करोड़ में खरीद ली। यानी जमीन की दर साढ़े पांच लाख रुपये प्रति सेकंड बढ़ गई। यह बड़ा भ्रष्टाचार है।

संजय सिंह ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के नाम पर ट्रस्ट ने पूरे देश से चंदा लिया। देश की जनता ने भगवान श्रीराम में आस्था दिखाते हुए हजारों करोड़ रुपये चंदा भी दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रस्ट में जनता के चंदे से जमा राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। उन्होंने दस्तावेज पेश करते हुए बताया कि अयोध्या में गाटा संख्या 243, 244 और 246 की जमीन की मालियत पांच करोड़ 80 लाख रुपये है। उस जमीन को कुसुम पाठक, हरीश पाठक से सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने 18 मार्च 2021 को शाम 7.10 बजे खरीदा था। इस जमीन खरीद में अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय और अनिल मिश्र गवाह बने थे।

उन्होने आरोप लगाया कि पांच मिनट बाद ही 7.15 बजे यह जमीन श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ रुपये में खरीद ली और 17 करोड़ रुपये सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी के खाते में आरटीजीएस कर दिए। संजय सिंह ने कहा कि किसी भी ट्रस्ट में जमीन खरीद के लिए बोर्ड में प्रस्ताव पारित किया जाता है। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या चंपत राय ने जमीन खरीद से पहले ट्रस्ट में प्रस्ताव पारित  कराया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले की ईडी और सीबीआई जांच कराने की मांग की है।

चंपत राय ने क्या कहा

श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने जमीन खरीद में धांधली के आरोपों को खारिज कर दिया है। चंपत राय ने एक बयान जारी कर कहा कि धांधली के आरोप भ्रामक हैं और राजनीतिक नफरत से प्रेरित हैं। खुले बाजार में उस जमीन की जो कीमत है उससे कहीं कम में ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीदी है।