न्यूज जंक्शन 24, नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार में 2010 में हुए पुस्तकालय घोटाले (Library scam in haridwar) के मामले में दायर जनहित याचिका पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री मदन कौशिक से जवाब मांगा है। बुधवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मदन कौशिक (Madan kaushik) से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह के बाद नियत की गई है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि अभी तक पुस्तकालयों का संचालन नहीं हुआ है। जबकि, सरकार की तरफ से कहा गया कि पुस्तकालयों का संचालन 2019 में हो गया था।
देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2010 में तत्कालीन विधायक मदन कौशिक ने विधायक निधि से करीब डेढ़ करोड़ की लागत से 16 पुस्तकालय (Library scam in haridwar) बनाने के लिए पैसा आवंटित किया गया था। वहीं, पुस्तकालय बनाने के लिए भूमि पूजन से लेकर उद्घाटन तक का फाइनल पेमेंट भी कर दिया गया। लेकिन आज तक धरातल पर किसी भी पुस्तकालय का निर्माण नहीं किया गया। इससे स्पष्ट होता है कि विधायक निधि के नाम पर विधायक ने तत्कालीन जिला अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी समेत ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के साथ मिलकर बड़ा घोटाला (Library scam in haridwar) किया है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि पुस्तकालय निर्माण का जिम्मा ग्रामीण अभियंत्रण सर्विसेस को दिया गया। विभाग के अधिशासी अभियंता के फाइनल निरीक्षण और सीडीओ की संस्तुति के बाद काम की फाइनल पेमेंट की गई, जिससे स्पष्ट होता है कि अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ा घोटाला (Library scam in haridwar) हुआ है। लिहाजा, पुस्तकालय के नाम पर हुए इस घोटाले की सीबीआई जांच करवाई जाए। ऐसे में इस मामले को सुनने के बाद कोर्ट की खंडपीठ ने मदन कौशिक से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
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