उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट बदल ली है, जिससे प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पर्वतीय क्षेत्रों के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का दौर जारी है, जिससे तापमान में भारी गिरावट आ गई है। हिमालयी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी के कारण निचले क्षेत्रों में भी बारिश हो रही है, जिससे ठंड और बढ़ गई है।
केदारनाथ धाम में इस सीजन की दूसरी बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के कारण तापमान में गिरावट आई है और यहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हो गए हैं। सीमेंट से होने वाले कार्य फिलहाल बंद कर दिए गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार सुबह से मौसम खराब रहा और हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी, निचले क्षेत्रों में बारिश होती रही, जिससे ठंड में वृद्धि हुई है। केदारनाथ धाम में अब तक चार इंच तक बर्फ जम चुकी है। यहां कार्य कर रहे दो सौ मजदूर अब परेशान हैं और अगर बर्फबारी लगातार जारी रही, तो काम बंद हो सकता है, जिससे मजदूरों को वापस लौटना पड़ सकता है।
वहीं नीति घाटी में जबरदस्त ठंड पड़ रही है। रात का तापमान माइनस में चला जाता है, जिससे यहां बहने वाले अधिकांश झरने, नदियां और गदेरे जमने लगे हैं। टिंबरसैंण गुफा पूरी तरह से बर्फ से ढक गई है और इसके मुख्य द्वार पर भी भारी बर्फ जम चुकी है। आस-पास के इलाकों में भी बर्फबारी के कारण ठंड बढ़ गई है।
पिछले दिनों हल्की बर्फबारी से पर्यटन क्षेत्र में उम्मीदों की एक नई किरण जगी थी, लेकिन इसके बाद मौसम साफ हो गया और जिन स्थानों पर बर्फ पड़ी थी, वे अब पिघल चुके हैं। अब पर्यटक नीती घाटी का रुख कर रहे हैं, जहां बर्फ तो नहीं है, लेकिन रात के तापमान में गिरावट और माइनस में तापमान जाने के कारण यहां बहने वाले झरने और नदियां जमने लगी हैं। चमोली जनपद में ठंड बढ़ने से शीत लहर का प्रभाव भी बढ़ने लगा है। सूखी ठंड के कारण चमोली के नीति घाटी में झरने और पानी जमने लगे हैं। निचले इलाकों में शीत लहर तेजी से बढ़ रही है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है।