न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। अटल आयुष्मान योजना में पांच लाख तक की सीमा तक मुफ्त इलाज के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने रेफरल व्यवस्था ( uttarakhand new referral policy) को सख्ती से लागू किया है। योजना में सूचीबद्ध 74 निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा लेने के लिए मरीज को पहले सरकारी अस्पताल से रेफर करना अनिवार्य है। इमरजेंसी की स्थिति में रेफर व्यवस्था लागू नहीं होगी।
प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि योजना में सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज के लिए सरकार ने रेफरल नीति बनाई है। इसके पीछे मंशा यह है कि आयुष्मान कार्डधारक मरीज का पहले राजकीय अस्पतालों में इलाज किया जाए। उपचार की सुविधा उपलब्ध न होने पर ही निजी अस्पतालों में रेफर करने की व्यवस्था है। कोविड महामारी में सरकार ने इस व्यवस्था में छूट दी थी। अब फिर से मरीज की बायोमेट्रिक और रेफरल व्यवस्था को लागू किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण के संज्ञान में आया है कि कई सरकारी अस्पतालों में कार्ड धारक मरीजों को बिना किसी कारण के सीधे निजी अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है। इस देखते हुए प्राधिकरण ने तय किया है कि सरकारी अस्पतालों को मरीज रेफर करने का स्पष्ट कारण बताना होगा। यदि अस्पताल में उपचार की सुविधा नहीं है तो मरीज किसी अन्य दूसरे राजकीय चिकित्सालय में रेफर किया जाना चाहिए। वहां पर इलाज संभव नहीं है तो ही निजी अस्पताल में रेफर किया जा सकता है। कोटिया ने बताया कि इमरजेंसी की स्थिति में रेफर करने की व्यवस्था लागू नहीं होगी ( uttarakhand new referral policy) ।
आयुष्मान योजना में प्रदेश के 225 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इसमें 102 सरकारी और 123 निजी अस्पताल शामिल हैं। प्रदेश के तीन निजी मेडिकल कालेज, 39 एनएबीएच मान्यता चिकित्सालय और पर्वतीय क्षेत्रों के सात निजी अस्पतालों में उपचार के लिए रेफरल व्यवस्था लागू नहीं होगी। 74 निजी अस्पतालों में इलाज के लिए मरीज को रेफर करना अनिवार्य है।
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