न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड की राज्यसभा के लिए एक सीट पर होने वाले चुनाव में भाजपा ने डॉ. कल्पना सैनी को मैदान में उतार दिया है, जबकि कांग्रेस ने किसी को भी प्रत्याशी नहीं बनाया है। ऐसे में डाॅ. कल्पना का निर्विरोध राज्य सभा तक जाना तय हो गया है। उनके निर्विरोध चुनाव के साथ ही देश की संसद में उत्तराखंड से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा (The existence of Uttarakhand Congress in Parliament)।
राज्यसभा का चुनाव संख्या बल के आधार पर होता है, जो कांग्रेस के पक्ष में नहीं है। सत्तारूढ़ दल भाजपा के पास विधानसभा में दो तिहाई बहुमत है। जबकि कांग्रेस के विधायकों की संख्या मात्र 19 है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, संख्या बल कम होने की वजह से पार्टी ने इस चुनाव में अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं किया (The existence of Uttarakhand Congress in Parliament)।
राज्य बनने के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब देश की संसद में उत्तराखंड से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व पूरी तरह खत्म हो जाएगा, जबकि भाजपा के खाते में पांचों लोकसभा सीटों के अलावा राज्य की तीनों राज्यसभा सीटें भी चली जाएंगी। इससे पहले वर्ष 2000 में भी राज्यसभा की तीनों सीटें भाजपा के खाते में थीं। तब भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज, मनोहर कांत ध्यानी और संघप्रिय गौतम राज्यसभा में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जबकि पांच में से चार सांसद भी भाजपा के ही थे। नैनीताल से कांग्रेस के अकेले एनडी तिवारी सांसद चुने गए थे।
लोकसभा की 5 और राज्यसभा की 3 सीटें भाजपा के पास
उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटें है और ये सभी भाजपा के पास है। अल्मोड़ा से अजय टम्टा, नैनीताल से अजय भट्ट, गढ़वाल से तीरथ सिंह रावत, हरिद्वार से डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, टिहरी से राज्य लक्ष्मी साह बीजेपी के टिकट पर ही सांसद बने हैंं। वहीं, अब राज्यभा की सभी तीन सीटों पर भाजपा ही काबिज होने जा रही है। इनमें अनिल बलूनी, नरेश बंसल पहले से ही उच्च सदन में हैं और डॉ. कल्पना सैनी भी भाजपा से राज्यसभा पहुंचने वाली हैं।
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