नई दिल्ली। सरकार ने आधार कार्ड को लेकर बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने कुछ कामों के लिए इसकी अनिवार्यता खत्म कर दी है।
अब नए नियमों के मुताबिक जीवन प्रमाण पत्र के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। इसे स्वैच्छिक कर दिया गया है। यानी कि अगर कोई पेंशनर्स चाहें तो आधार की जानकारी दें सकते हैं, या फिर नहीं चाहेंगे तो नहीं देंगे। इस नियम के स्वैच्छिक होने से पेंशनर्स की बड़ी दिक्कत का समाधान हो गया है।
वहीं, सरकारी ऑफिस में हाजिरी लगाने के लिए अनिवार्य किया गया ऐप संदेश के लिए भी आधार वैरिफिकेशन को अनिवार्य से हटाकर स्वैच्छिक कर दिया गया है। बता दें कि संदेश इंस्टैंट मैसेजिंग सॉल्यूशन ऐप है जो सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए तैयार किया गया है। अब सरकारी कर्मचारियों को इस ऐप के जरिए ही हाजिरी लगानी होती है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने 18 मार्च को एक अधिसूचना जारी की है। इसमें कहा गया है कि जीवन प्रमाण के लिए आधार की प्रामाणिकता स्वैच्छिक आधार पर होगी और इसका इस्तेमाल करने वाले संगठनों को जीवन प्रमाणपत्र देने के लिए वैकल्पिक तरीके निकालने चाहिए। इस मामले में एनआईसी को आधार कानून 2016, आधार नियमन 2016 और कार्यालय ज्ञापन तथा यूआईडीएआई द्वारा समय समय पर जारी सकुर्लर और दिशानिर्देशों का अनुपालन करना होगा।