नई दिल्ली। राजस्थान में शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां एक जज और पुलिस अधिकारी पर नाबालिग लड़के के साथ सामूहिक दुराचार (Misdeed) करने का मामला दर्ज किया गया है। दोनों ने बच्चे को धमकाया भी। इसके बाद विशेष न्यायाधीश और पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
मामला भरतपुर जिले का है। यहां पीड़ित लड़के की मां ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश और दो अन्य लोग पिछले एक महीने से उसके बेटे को कोई नशीला पदार्थ देकर उसके साथ यौन उत्पीड़न (Misdeed) कर रहे थे। पुलिस में दर्ज शिकायत में पीड़ित लड़के की मां ने न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह गोलिया और दो अन्य लोगों पर आरोप लगाया है। उसने यह भी कहा है कि बालक को घटना के बारे में किसी को बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी गई।
पुलिस की जांच पड़ताल में जज के अलावा यौन उत्पीड़न (Misdeed) के अन्य आरोपियों की पहचान जज के स्टेनो अंशुल सोनी और जज के एक अन्य कर्मचारी राहुल कटारा के रूप में हुई है। इस मामले को लेकर भरतपुर के मथुरागेट के एसएचओ राम नाथ ने कहा मामले की जांच एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंप दी गई है।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित परिवार के सदस्यों ने न्यायाधीश के स्टेनो अंशुल सोनी और राहुल कटारा के साथ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के उपाधीक्षक परमेश्वर लाल यादव भी आरोप लगाया है कि इन लोगों ने उसके नाबालिग बच्चे को मारने की धमकी दी। इस पर पुलिस उपाधीक्षक परमेश्वर लाल यादव को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि न्यायिक अधिकारी ने कंपनी बाग स्थित डिस्ट्रिक्ट क्लब में 14 वर्षीय बालक के साथ दोस्ती की। बालक वहां टेनिस खेलने जाता था। इसके बाद उसके साथ घिनौनी हरकत (Misdeed) की गई।
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