न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड के जोशीमठ स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी (valley of flowers of Uttarakhand) इस साल अपने निर्धारित समय से दो हफ्ते पहले ही महकने लगी है। यहां इन दिनों आधा दर्जन से अधिक किस्मों के फूल खिल गए हैं। ये फूल आमतौर पर जून के महीने में खिलते हैं, लेकिन माना जा रहा है कि इस बार चूंकि बर्फ़ जल्दी पिघल गई है इसलिए फूल भी जल्दी खिलने लगे हैं। इस बार यहां कई किस्मों के फूल खिल रहे हैं। फूलों की यह घाटी विभिन्न तरह के फूलों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
87.50 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली यह फूलों की घाटी (valley of flowers of Uttarakhand) उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित है। एक जून से घाटी पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। इस बार घाटी में दो सप्ताह पहले ही कई तरह के फूल खिल चुके हैं, जिसमें पोटैंटिला, वाइल्ड रोज, मोरया लोगी, फूलीया, प्रिमुला आदि फूल शामिल हैं।
यह रहा कारण
यहां (valley of flowers of Uttarakhand) पर बर्फ पिघलने के बाद फूलों के पौधों में नई कोंपलें आने लगती हैं और इसके साथ ही उनमें फूल खिलने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बार भी सर्दियों में अच्छी बर्फबारी हुई थी, लेकिन मार्च और अप्रैल के महीनों में तापमान रिकॉर्ड तोड़कर चढ़ता रहा और बारिश रिकॉर्ड तोड़ घटती रही। इसी हीट का असर है कि इस बार फूलों की घाटी में मई के मध्य में ही बर्फ़ पिघल चुकी है। फूलों की घाटी जुलाई और अगस्त महीने में अपने चरम पर होती है। इस दौरान घाटी में 300 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। इसी समय यहां देश-विदेश के सबसे अधिक सैलानी फूलों का दीदार करने आते हैं। इन दो महीनों तक घाटी पर्यटकों से गुलजार रहती है।
फूलों की घाटी (valley of flowers of Uttarakhand) रेंज के वन क्षेत्राधिकारी बृज मोहन भारती का कहना है कि घाटी में इस वर्ष फूल खिलने का दौर दो सप्ताह पहले ही शुरू हो गया है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फ जल्द पिघलने के कारण ऐसा हो रहा है। अभी वहां कई तरह के फूल खिल चुके हैं। घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खोली जाएगी।
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