मथुरा। बसंत पंचमी बंसत ऋतु की दस्तक तो मानी ही जाती है, इसके अलावा इस वार यह बसंत पंचमी कुछ विशेष संयोग लेकर आ रही है। इस दिन रेवती नछत्र होने के साथ ही अमृत सिद्धि योग है। रेवती नक्षत्र बुद्ध ग्रह का नक्षत्र है, यह बुद्ध ग्रह बुद्धि का बड़ा कारक है, जबकि अमृत सिद्धि योग में किये गए सभी कार्य सिद्ध होते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार की बसंत पंचमी पर जिसने भी बने योग के अनुसार पूजन-अर्चन कर लिया, उसके परिवार में सुख-सम्रद्धि का वास होना शुरू हो जाएगा।
पूजन का समय और ऐसे करें पूजा
मंगलवार को बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुवह 7 से 12 बजे तक है। इस दिन मां सरस्वती को पीले वस्त्र, पीले चावल, पीली मिठाई, पीले फूल आदि चढ़ाने पर बुद्धि प्रखर होती है। मां को बांसुरी, मोर पंख चढ़ाने पर उनकी कृपा बनी रहती है। जो पति-पत्नी साथ बैठकर काम और रति की पूजा करेंगे, उनके बीच कभी झगड़ा नहीं होगा और प्रेम बढ़ता जाएगा।