हल्द्वानी। ‘कैसे आकाश में सूराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो’। इन पंक्तियों के माध्यम से कवि दुष्यंत कुमार जनमानस को जो संदेश देना चाहते थे, उत्तराखंड के हल्द्वानी के युवा व्यवसायी राहुल सोनकर ने उसे पूरी तरह चरितार्थ किया है। इसकी बानगी है प्लास्टिक कचरे के खिलाफ चलाया गया राहुल का अभियान। जो न सिर्फ वातावरण को पॉलीथिन के जहर से मुक्ति दिला रहा है, बल्कि तमाम लोगों के लिए रोजगार का जरिया भी बन सकेगा …और यह सब संभव हुआ है राहुल की वर्षों की मेहनत से।
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पर्यावरण की सबसे बड़ी दुश्मन बन चुकी पॉलीथिन का इस्तेमाल रोकने के लिए सरकारें बड़े-बड़े मंचों से जागरूकता अभियान तो खूब चला रही हैं, लेकिन धरातल पर इसके लिए रत्तीभर भी काम नहीं किया जा रहा। हल्द्वानी के व्यवसायी राहुल सोनकर बड़े-बड़े मंचों से दावे करने में नहीं बल्कि उन्हें हकीकत में बदलने में यकीन रखते हैं। पिछले कुछ वर्षों में आबोहवा बेहद खराब हो गई है। इसमें पॉलीथिन से होने वाले प्रदूषण का भी काफी योगदान है।
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इससे राहुल काफी व्यथित थे। राहुल कहते हैं पॉलिथीन पर्यावरण की सबसे बड़ी दुश्मन बन गयी है, खेतों में, नालियों में, खान-पान में इसका प्रयोग जानलेवा साबित होने लगा है और तो और इधर उधर बिखरी हुई पॉलिथीन कई बार जानवरों के मौत का कारण भी बन रही थी। ऐसे में उन्होंने अपने स्तर से पॉलीथिन का इस्तेमाल रोकने के लिए कोशिशें शुरू कीं। शुरुआत में मनमुताबिक सफलता नहीं मिली। लेकिन, समय बीतने के साथ ही एक ऐसी मशीन तैयार करने में सफलता मिली जिससे प्लास्टिक रिसाइकल किया जा सकता है।
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पर्यावरण संरक्षण को रोजगार से जोड़ा
राहुल और उनकी टीम ने प्लास्टिक मुक्त करने के लिए लोगों द्वारा इस्तेमाल करके इधर-उधर फेंकी जाने वाली प्लास्टिक को एकत्र करने के लिए जन जागरण अभियान शुरू किया ताकि वह दोबारा जमीन के संपर्क में न आए। लेकिन, सबसे बड़ी समस्या थी इसका निस्तारण। ऐसे में राहुल ने एक योजना बनाई, पर्यावरण संरक्षण को रोजगार से जोड़ने की। प्लास्टिक को दोबारा उपयोग में लाने के लिए उन्होंने ” प्लास्टिक रीसाइकिल मशीन” तैयार की। इस मशीन से प्लास्टिक की बोतल, गिलास समेत सभी प्रकार का प्लास्टिक वेस्ट रिसाइकल किया जा सकता है। फिलहाल वह बेकार प्लास्टिक से टाइल्स बना रहे हैं। ये टाइल्स काफी मजबूत हैं।
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राहुल ने बताया कि प्लास्टिक वेस्ट के रिसाइकिल के लिए उत्तराखंड में यह अपनी तरह की पहली मशीन है। इसे उधम सिंह नगर में “स्वजल” के माध्यम से रुद्रपुर स्थित ब्लॉक कार्यालय में लगाया गया है। इस मशीन के लगने से जहां लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा। राहुल बताते हैं कि इस मशीन को कम जगह में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह मशीन स्वरोजगार के लिए लाभदायक है। इस मशीन के लगने से प्लास्टिक के कचरे का भी निस्तारण किया जा सकता है।
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