न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड के लिए आज गौरव का दिन है। आज यानी 9 अप्रैल को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार अर्पण समारोह का आयोजन करने जा रही है। इस समारोह में देश भर से चयनित 42 प्रख्यात संगीतकारों, नर्तकों, लोक एवं जनजातीय कलाकारों और रंग कर्मियों को उनके विशिष्ट योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस बार पारंपरिक व लोक संगीत कैटेगरी में पांच संगीतकारों को भी सम्मानित किया गया है, जिसमें गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी (Narendra Singh Negi) का नाम भी है।
भारत में प्रदर्शन कला वर्ग में दिए जाने वाला यह सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार है। इस साल अकादमी पुरस्कार दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा, जिसमें उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू कलाकारों को पुरुस्कार से सम्मानित करेंगे।. उप राष्ट्रपति के अलावा केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी।
नरेंद्र सिंह नेगी के बारे में जानें
नरेंद्र सिंह नेगी (Narendra Singh Negi) उत्तराखंड के लोगों के बीच नेगी दा के नाम से जाने जाते हैं। वह उत्तराखंड के मशहूर लोक गीतकारों में से एक है। उनकी श्री नेगी नामक संस्था उत्तराखंड कलाकारों के लिए एक लोकप्रिय संस्थाओं में से एक है। नरेंद्र सिंह नेगी मूल रूप से पौड़ी जिले के रहने वाले हैं, जिनका जन्म 12 अगस्त 1949 को हुआ था। नेगी ने अपने म्यूजिक करियर की शुरुआत गढवाली गीतमाला से की थी और यह “गढ़वाली गीतमाला” 10 अलग-अलग हिस्सों में थी।
नेगी (Narendra Singh Negi) की पहली एल्बम का नाम बुरांस रखा गया। अब तक वे हजार से भी अधिक गानों को आवाज दे चुके हैं। नरेंद्र सिंह नेगी लोक कलाकार के साथ ही लेखक और कवि भी हैं। उनकी अब तक 3 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। नेगी की पहली पुस्तक “खुच कंडी ” उनकी दुसरी पुस्तक “गाणियौं की गंगा, स्यणियौं का समोदर” उनकी तीसरी पुस्तक मुठ बोटी की राख शामिल हैं।
इसके अलावा उनके चर्चित राजनीतिक गीत ‘नौछमी नारेणा’ पर 250 पृष्ठों की एक किताब ‘गाथा एक गीत की : द इनसाइड स्टोरी ऑफ नौछमी नारेणा’ 2014 में प्रकाशित हो चुकी है और यह काफी चर्चित रही। कुछ सालों पहले जब टिहरी बांध के टूटने कारण टिहरी नगर पानी में डूब गया था तब नेगी ने एक शोकगीत और उत्तराखंड राज्य के अलग होते समय भी एक ओज भरा आंदोलन गीत गाया था। उत्तराखंड के राज्य गीत को भी नरेंद्र सिंह नेगी ने ही आवाज दी है।
इन लोकगायकों को मिलेगा सम्मान
उत्तराखंड के नरेंद्र सिंह नेगी (Narendra Singh Negi), यूपी की मालिनी अवस्थी, राजस्थान की गाजी खान बरना, गुजरात के निरंजन राज्यगुरु, हिमाचल प्रदेश के सोमदत्त बट्टू।
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