UP: चुनाव मैदान में 4 अखिलेश यादव, कई जगह सपाई कनफ्यूज, समर्थन में लगा रहे नारे

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न्यूज जंक्शन 24, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Chunav) की चुनावी जंग में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav in UP) समेत इस नाम के चार उम्मीदवार मैदान में हैं। इन चार उम्मीदवारों में सपा प्रमुख समेत दो उम्मीदवार सपा के हैं, जबकि एक कांग्रेस और एक निर्दलीय के तौर पर अपनी तकदीर आजमा रहे हैं।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav in UP) के चुनाव क्षेत्र मैनपुरी जिले के करहल में मतदान हो चुका है और मतदाताओं ने उनकी किस्मत ईवीएम में बंद कर दी है। अब अखिलेश यादव नाम के दूसरे उम्मीदवार आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर विधानसभा सीट से हैं। इसके अलावा अयोध्‍या जिले की बीकापुर विधानसभा सीट के कांग्रेस उम्मीदवार का भी नाम अखिलेश यादव है। संभल के गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र में एक निर्दलीय उम्मीदवार भी अखिलेश हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के भुताबिक, सपा प्रमुख के अलावा अन्य तीनों हमनामधारियों ने बताया कि उनके लिए यह नाम होना एक लाभ है। सात फरवरी को समाजवादी पार्टी ने मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार अखिलेश यादव की घोषणा की तो कुछ लोगों को लगा कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव दो सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। चूंकि इसके पहले ही सपा प्रमुख के मैनपुरी के करहल से चुनाव लड़ने की घोषणा हो चुकी थी और आजमगढ़ उनका संसदीय निर्वाचन क्षेत्र है तो लोगों ने अनुमान लगाया कि संभवत: वह दो सीटों से चुनाव लड़ें। लेकिन पार्टी नेताओं ने स्थिति साफ कर दी और बताया कि मुबारकपुर से घोषित सपा उम्मीदवार अखिलेश यादव 2017 में भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और बसपा के शाह आलम से मात्र 688 मतों से पराजित हुए थे।

वहीं, मुबारकपुर से सपा उम्मीदवार अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav in UP) ने कहा, ‘मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र, के लोगों का अच्छा समर्थन मिल रहा है, लोग मेरे प्रति सहानुभूति महसूस करते हैं, क्योंकि मैं इस सीट से 2017 का विधानसभा चुनाव बहुत ही कम अंतर से हार गया था। उन्होंने कहा कि अभी, सभी लोग चाहते हैं कि अखिलेश यादव चुनाव जीते। यहां के लोग कह रहे हैं कि चूंकि अखिलेश यादव (सपा प्रमुख) हैं और वे यूपी का मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, इसलिए मुबारकपुर से विधायक भी अखिलेश यादव को होना चाहिए।’ मुबारकपुर सपा प्रत्याशी के भाग्य का फैसला सातवें और अंतिम चरण में सात मार्च को होगा। मुबारकपुर से सपा प्रत्याशी ने कहा कि उनके पिता ने उनका नाम अखिलेश रखा है क्योंकि उनके तीन भाइयों का नाम “ईश” के साथ समाप्त हुआ- अवधेश यादव, उमेश यादव और अमरेश यादव। इसलिए उनका नाम अखिलेश पड़ गया।

वहीं, अयोध्या जिले के बीकापुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav in UP) ने कहा, ‘मैं 2016 में कांग्रेस में शामिल हुआ था और इससे पहले, मैं समाजवादी पार्टी के साथ था।’ सपा को छोड़ने के कारण पूछने पर उन्होंने बताया, ‘मुझे उचित सम्मान नहीं दिया गया।’ उन्होंने एक दिलचस्प घटना को याद करते हुए कहा, ‘कुछ दिन पहले जब मैं अपने समर्थकों के साथ निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार कर रहा था तो मेरे एक समर्थक ने ‘अखिलेश भैया’ जिंदाबाद के नारे लगाए तो इसने कुछ आसपास खड़े सपा समर्थकों में उत्साह बढ़ा और वे भी जवाब में नारे लगाने लगे। बाद में उन्हें एहसास हुआ कि वे वास्तव में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में नारे लगा रहे हैं। उनमें कुछ लोगों को आश्चर्य हुआ कि कांग्रेस का चुनाव चिन्ह लेकर अखिलेश नाम का कौन आ गया और इसके बाद वे लोग सतर्क हो गए।’

ये अखिलेश के पिता भी चुनाव मैदान में

बात अब चौथे अखिलेश यादव की। गुन्नौर में निर्दलीय उम्मीदवार लखवेंद्र उर्फ अखिलेश यादव के क्षेत्र में मतदान हो चुका है। उन्होंने कहा कि हालांकि उनका जन्म के बाद नाम लखवेंद्र सिंह रखा गया लेकिन उनकी दादी उन्हें ‘अखिलेश’ कहकर पुकारा करती थीं और धीरे-धीरे दूसरे लोग भी उन्हें अखिलेश कहने लगे। लखवेंद्र के पिता राम खिलाड़ी सिंह गुन्‍नौर से सपा के उम्मीदवार हैं और लखवेंद्र को ‘डमी’ उम्मीदवार के तौर पर यहां नामांकन कराया गया। उन्‍होंने कहा कि उनके लिए अखिलेश यादव सब कुछ हैं और समाजवाद उनके खून में है। दस मार्च को जब परिणाम आएगा तो यह देखना दिलचस्प होगा कि इनमें से कितने अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश की विधानसभा में पहुंचते हैं।

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