सरकार ने अभिभावकों को दिया झटका, निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की दी अनुमति, शर्तें भी लगाईं

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न्यूज जंक्शन 24, लखनऊ। यूपी में प्रदेश सरकार ने अभिभावकों को बड़ा झटका दे दिया है। कोविड संक्रमण काल में निजी स्कूलों की रोकी गई फीस (UP private school fees) बढ़ोतरी शासन ने फिर से बहाल कर दी है। अब प्रदेश में संचालित सभी शिक्षा बोर्डों से जुड़े निजी स्कूल सत्र 2022-23 की नियमानुसार फीस (UP private school fees) बढ़ा सकते हैं। हालांकि उन्हें इसमें संतुलित वृद्धि ही करनी होगी। इसके लिए कुछ शर्तें भी तय की गई हैं।

अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की ओर से जारी आदेश के अनुसार शुल्क वृद्धि वर्ष 2019-20 की शुल्क (UP private school fees) संरचना को आधार वर्ष मानते हुए उप्र स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम 2018 की धारा 4 (1) के अंतर्गत नियमानुसार की जा सकती है। हालांकि इसमें शर्त लगाई गई है कि सत्र 2022-23 में वार्षिक वृद्धि की गणना नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर तो की जाए, लेकिन उसके साथ पांच प्रतिशत की जो शुल्क (UP private school fees) बढ़ोत्तरी होनी है वह वर्ष 20019-20 में लिए गए वार्षिक शुल्क के पांच प्रतिशत से अधिक न हो। यानी वर्ष 2020-21 व 2021-22 के शुल्क वृद्धि की काल्पनिक गणना कतई न की जाए और न उसे उक्त फार्मूले में जोड़ा जाए। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों व जिला विद्यालय निरीक्षकों को नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।

शासनादेश में ये भी कहा गया है कि यदि कोई छात्र या अभिभावक या फिर अध्यापक एसोसिएशन सत्र 2022-23 के लिए वसूले जाने वाले शुल्क से संतुष्ट नहीं है तो वह अधिनियम 2018 की धारा-8 के अंतर्गत जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष शिकायत कर सकते हैं। यही नहीं यदि कोई जिला समिति के निर्णय से भी असंतुष्ट है तो वह मंडलीय स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय अपीलीय प्राधिकरण के सामने अपील कर सकता है।

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