उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र के तीसरे और अंतिम दिन विपक्ष पूरी तरह से सरकार पर हावी है। विपक्ष ने आपदा समेत अन्य मुद्दों पर सरकार को सदन और बाहर दोनों ही स्थानों पर घेरने का काम किया है।
बीते दो दिनों में सदन में आठ विधेयक पेश किए गए हैं, साथ ही करीब पांच हजार करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट भी पेश किया गया था। आज सदन में प्रश्नों पर चर्चा होगी और बजट व विधेयक पास किए जाएंगे।
विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। कांग्रेस विधायकों ने प्रदेश में आई आपदा से प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन किया।
उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आज विधानसभा में सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि खनन के नाम पर प्राइवेट चेक पोस्ट में व्यापक उगाही हो रही है और यह जानने की जरूरत है कि कौन लोग इस लूट का हिस्सा हैं। उन्होंने सवाल किया कि जो लोग मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात भी नहीं डरते, उनके खिलाफ किसका हाथ हो सकता है?
यशपाल आर्य ने कहा, “देवभूमि में माफियाराज किसके इशारे पर स्थापित किया जा रहा है? हमारे पुलिसकर्मी और अधिकारी इस नए माफियातंत्र के सामने झुक रहे हैं। यह माफिया इतनी ताकत कहां से प्राप्त कर रहा है?”
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह उत्तराखंड की जल, जंगल और जमीन को बेचने में जुटी है। कांग्रेस ने कहा कि नदियों, गधेरों और नालों पर खनन के अधिकार को स्थानीय निवासियों से छीनकर निजी कंपनियों को दिए जा रहे हैं। इससे बालू-बजरी निकालने और ढोने का काम भी स्थानीय लोगों से छीन लिया जाएगा।
कांग्रेस ने इस स्थिति को “लूट की छूट” का नाम दिया और घोषणा की कि वह राज्य के जल-जंगल-जमीन की निजीकरण की इस साजिश का हर स्तर पर विरोध करेगी।



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