देश में पुलिस की साइबर सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए गृह मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर 11 जनवरी 2025 को आयोजित साइबर कमाण्डो परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। इस परीक्षा में उत्तराखंड ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, क्योंकि राज्य ने कुल उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या के मामले में देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
इस परीक्षा में भारत भर के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों से लगभग 3200 पुलिस कर्मियों ने भाग लिया था। उत्तराखंड राज्य से 242 पुलिस कर्मियों ने परीक्षा दी, जिनमें से 72 पुलिस कर्मियों का चयन साइबर कमाण्डो के रूप में हुआ है।
उत्तराखंड के चयनित पुलिस कर्मियों में तीन शीर्ष रैंकिंग वाले कर्मियों में शामिल हैं:
- कॉन्स0 हरेन्द्र भण्डारी, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, देहरादून – ऑल इंडिया रैंक 2
- कॉन्स0 कादर खान, एसटीएफ उत्तराखंड, देहरादून – ऑल इंडिया रैंक 6
- अपर उ0नि0 संचार चन्द्रमोहन, साइबर सैल, अल्मोड़ा – ऑल इंडिया रैंक 10
साइबर अपराध की रोकथाम और बचाव के लिए उत्तराखंड सरकार ने अपनी पुलिस को अधिक प्रशिक्षण देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, राज्य पुलिस को साइबर अपराध से निपटने के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत ठगी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का भी प्रस्ताव है।
पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ और पुलिस महानिरीक्षक नीलेश आनंद भरने के मार्गदर्शन में राज्य में साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखंड, श्री नवनीत सिंह द्वारा साइबर पुलिस का नेतृत्व किया जा रहा है।
इस परीक्षा में सफल रहे पुलिस कर्मियों को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में गहन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षित साइबर कमांडो अपनी मूल पुलिस इकाइयों में डिजिटल फोरेंसिक, घटना प्रतिक्रिया और सूचना सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर काम करेंगे।
उत्तराखंड के इस उत्कृष्ट प्रदर्शन पर पुलिस विभाग ने सभी चयनित कर्मियों को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।