देहरादून: चारधाम यात्रा के लिए हाई कोर्ट से छूट मिलते ही सरकार ने भले ही इसे शुरू के दिया हो, लेकिन यात्रा पर आने वालों के लिए कई चेतावनी दी गई हैं। साफ कहा गया है कि आने वाले श्रद्धालू व पर्यटक होटल, धर्मशाला, आश्रम, होम स्टे, गेस्ट हाउस, पीजी अथवा अन्य पंजीकृत आवास में ही प्रवास करें। आवासीय सुविधाओं में कार्यरत कर्मचारियों का टीकाकरण होना अनिवार्य है। शासन की ओर से जारी एसओपी में यात्रियों से यह भी कहा गया है कि वे यात्रा के दौरान रिश्तेदारों अथवा मित्रों के घर ठहरने से बचें। सहरूग्णता वाले व्यक्तियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा गया है।
बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धामों से संबंधित जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे। इनमें कोविड रिपोर्टिंग के मद्देनजर तीर्थयात्रियों के दैनिक रिकार्ड के लिए एक डेस्क बनेगी। पर्यटन विभाग के देहरादून स्थित कार्यालय में राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।
चारधाम यात्रा की यात्रा करने वालों के लिए बदरीनाथ मार्ग पर गौचर, ग्वालदम, पांडुकेश्वर, पांडवाखाल व मोहनखाल, केदारनाथ मार्ग पर सिरोबगड़, चिरबटिया व सोनप्रयाग, गंगोत्री-यमुनोत्री मार्ग पर स्यान्सू, नगून बैरियर, धनोत्री व डामटा में चेक प्वाइंट स्थापित किए गए हैं। इनमें स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के कर्मचारी तैनात रहेंगे। चेक प्वाइंट पर यात्रियों के ई-पास, कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट व कोविड जांच की निगेटिव रिपोर्ट का सत्यापन किया जाएगा।
सरकार द्वारा जारी एसओपी के मुताबिक कोविड प्रोटोकाल के अनुपालन की आडियो व विजुअल माध्यमों के साथ ही बैनर, होर्डिंग्स आदि के जरिये श्रद्धालुओं को सूचनाएं दी जाएंगी। मुख्य स्थानों पर एडवाइजरी से संबंधित पोस्टर भी लगाए जाएंगे।
मंडलायुक्त गढ़वाल एवं बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने बताया कि बच्चों, बीमार और बीमारी से ग्रस्त अति वृद्धजनों को यात्रा की अनुमति नहीं होगी।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा करीब दो माह चलेगी। देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ के अनुसार अभी यात्रा के लिए करीब दो माह का समय शेष है। शनिवार से यात्री चारधाम में दर्शन कर सकेंगे।
चारों धामों में दर्शन के लिए पंजीकरण और ई-पास अनिवार्य होगा। साथ ही यात्रियों के लिए कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगने का सर्टिफिकेट अथवा कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी है। कोरोना संक्रमण से अधिक प्रभावित तीन राज्यों के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बावजूद यात्रा तिथि से अधिकतम 72 घंटे पहले की कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। धामों में एक बार में तीन श्रद्धालुओं को ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी। कुंडों में स्नान प्रतिबंधित किया गया है। यात्रा से संबंधित व्यवस्थाओं के अनुपालन के लिए यात्रा मार्गों पर स्थापित चेकपोस्ट में जांच की जाएगी। उधर, शनिवार से ही हेमकुंड साहिब की यात्रा भी शुरू हो जाएगी।
सचिव संस्कृति एवं धर्म हरिचंद्र सेमवाल ने बताया कि कोविड प्रोटोकाल का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। राज्य के भीतर के व्यक्तियों के लिए पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड से धामों में दर्शन के लिए अनिवार्य रूप से यात्रा ई-पास जारी किए जाएंगे।
धामों में मास्क पहनने व सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानकों के अनुपालन के मद्देनजर सीसी टीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी।
हेली एंबुलेंस की रहेगी उपलब्धता
यात्रा के दौरान गंगोत्री, केदारनाथ व बदरीनाथ में बचाव कार्यों के लिए हेली एंबुलेंस सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। प्रत्येक धाम या उसके निकटतम मार्ग पर कोविड एंबुलेंस या सामान्य एंबुलेंस उपलब्ध होगी। केदारनाथ व यमुनोत्री पैदल मार्गों पर दवाएं, पोर्टेबल आक्सीजन सिलिंडर व आक्सीजन कंसन्ट्रेटर की आपूर्ति रहेगी।
चारों धामों में मूर्तियों, घंटियों, आभूषणों, ग्रंथों के स्पर्श की यात्रियों की अनुमति नहीं होगी। धामों में स्थित कुंडों व तप्त कुंडों में भी स्नान पूरी तरह वर्जित किया गया है।
-यात्रियों को अपने पास पोर्टल पर अपलोड दस्तावेज रखने होंगे।
-एक पंजीकरण पर अधिकतम छह श्रद्धालु कर पाएंगे दर्शन।
-मंदिर में एक बार में तीन यात्रियों को ही दर्शन की अनुमति होगी, गर्भगृह में नहीं जा सकेंगे।
यात्रियों के लिए प्रतिदिन जो संख्या निर्धारित की गई है उसके मुताबिक
बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री में 400 और हेमकुंड साहिब में 1000 श्रद्धालु जा सकेंगे।