न्यूज जंक्शन 24, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम चेहरों में शामिल रहे वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) इस्लाम धर्म छोड़कर आज से हिंदू बन गए हैं। आज गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने सनातन धर्म में शामिल कराया।इसके साथ ही उनका नाम भी बदल गया है। वसीम रिजवी का नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी होगा।
वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने कहा कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को इनाम बढ़ा दिया जाता है, आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं। वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने इस मौके पर कहा, ”धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है, जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया तो फिर मेरी मर्जी है कि मैं कौन-सा धर्म स्वीकार करूं। सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है, जितनी उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं, और किसी धर्म में नहीं हैं। इस्लाम को हम धर्म ही नहीं समझते। हर जुमे को नमाज के बाद हमारा सिर काटने के लिए फतवे दिए जाते हैं तो ऐसी परिस्थिति में हमको कोई मुसलमान कहे, हमको खुद शर्म आती है।
त्यागी बिरादरी में होंगे शामिल
वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने पहले ही घोषणा कर रखी थी कि वह सोमवार को इस्लाम छोड़ सनातन धर्म में शामिल होंगे। इस मौके पर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हम वसीम रिजवी के साथ हैं, वसीम रिजवी त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे।
रिजवी ने जारी किया था वीडियो
वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने कुछ दिन पहले ही अपनी वसीयत जारी की थी जिसमें उन्होंने एलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाया न जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए। उन्होंने कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें। रिजवी ने एक वीडियो जारी करके कहा था कि मेरी हत्या करने और गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है। मेरा गुनाह सिर्फ इतना है कि मैंने कुरान की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मुसलमान मुझे मारना चाहते थे और घोषणा की थी मुझे किसी कब्रिस्तान में जगह नहीं देंगे। इसलिए मरने के बाद मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए।
कट्टरपंथियों के निशाने पर रिजवी
बता दें कि वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) काफी समय से कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। वो कट्टरपंथ के खिलाफ खुलकर आवाज उठाते रहते हैं। उनको कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। गौरतलब है कि वसीम रिजवी ने कुरान के कथित रूप से विवादित आयतों को हटाने के लिए कुछ महीनों पहले सुप्रीम कोर्ट को रिट याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज किया और उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।
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