लखनऊ। बरेली की पुलिस ने एक ऐसे शातिर बदमाश को गिरफ्तार किया है जो साफ्टवेयर की मदद से कभी मंत्री तो कभी सांसद बनकर पुलिस अफसरों को फोन कर अपना काम करा रहा था। यही नहीं अधिकारियों से मोटी वसूली भी कर रहा था।
पकड़ा गया आरोपी नीरेश वर्मा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके अपनी आवाज को लड़की की आवाज में बदल देता था। बदायूं की सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य और धौरहरा की सांसद रेखा वर्मा के नाम से उसने एसएसपी बरेली को फोन करके बैरियर वन चौकी इंचार्ज को हटाने को कहा। इसके लिए उसने क्लर्क को भी हड़काया था। जब एसएसपी को शक हुआ तो उन्होंने जांच कराई तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। इसके बाद शुक्रवार को पुलिस ने आरोपी नीरेश को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि नीरेश बदायूं के बिल्सी थानाक्षेत्र के अंबियापुर गांव का रहने वाला है। वह राधेलाल इंटर कॉलेज कछला में क्लर्क है। वह खुद को अनुसूचित जाति मोर्चा बदायूं का उपाध्यक्ष भी बताता है। पकड़े जाने के बाद नीरेश ने पुलिस को बताया कि उसका चयन 2021 में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा आयोग की भर्ती में प्रवक्ता समाजशास्त्र के पद पर हो गया है, लेकिन अभी तैनाती नहीं मिली है। उसका चूंकि कई बड़े नेताओं से मिलना-जुलना है, इसलिए वह नेताओं के फोन पर अधिकारियों से बात करने के तौर-तरीके सीख गया है।
नीरेश ने मंत्री, सांसद के नाम पर अधिकारियों को फर्जी कॉल कर लोगों के काम कराने और इसके एवज में मोटी रकम वसूलने का धंधा शुरू कर दिया था। इज्जतनगर क्षेत्र में रहने वाले लोटन सिंह के प्लॉट का लंबे समय से विवाद चल रहा है। दूसरे पक्ष का कार्य रुकवाने के लिए नीरेश ने लोटन सिंह से 20 लाख रुपये लिए थे। काम नहीं हो पाया तो 10 लाख रुपये वापस कर दिए। दस लाख रुपये उसे और वापस करने थे, तभी उसने फर्जी फोन करके पुलिस से काम रुकवाने का प्लान बनाया। उसने सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य बनकर इज्जतनगर के बैरियर वन चौकी इंचार्ज ब्रजेश कुमार और इज्जतनगर इंस्पेक्टर संजय कुमार को फोन किया। बात न बनने पर एसएसपी रोहित सिंह सजवाण को फोन करके चौकी इंचार्ज ब्रजेश कुमार को हटाने के लिए कहा।
इतना ही नहीं लोटन का काम कराने के लिए उसने भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और धौरहरा की सांसद रेखा वर्मा बनकर भी दो तीन बार एसएसपी को फोन किया। यूपी सरकार में मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के नाम पर भी फोन कर चुका था। शक होने पर एसएसपी ने इज्जतनगर पुलिस के साथ ही एसओजी प्रभारी अभिषेक सिंह को इसकी पड़ताल में लगाया। इसके बाद शुक्रवार को नीरेश को गिरफ्तार कर लिया गया।
एसएसपी ने बताया कि पहले पुलिस समझ रही थी कि फर्जी सांसद बनकर कोई महिला फोन कर रही है। बाद में पता चला कि नीरेश ही सॉफ्टवेयर की मदद से अपनी आवाज को महिला की आवाज में बदल देता है। पहले वह खुद सांसद का पीए बनकर फोन मिलाता था फिर बताता था कि सांसद जी बात करेंगी। इसके बाद खुद बात करता था, लेकिन सॉफ्टवेयर से उसकी आवाज महिला की आवाज में बदल जाती थी। दूसरी तरफ फोन सुनने वाले अधिकारी को लगता था कि सांसद ही बोल रही हैं।
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