न्यूज़ जंक्शन 24, लखनऊ।
प्रदेश में लव जेहाद की घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाने के लिए राज्य सरकार अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है। इसके लिए देश के कुछ राज्यों में धर्मांतरण पर रोक लगाने के उद्देश्य से बनाए गए विशेष कानून का अध्ययन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को लव जेहाद की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी रणनीति बनाने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा था, यह कार्य संगठित तरीके से किया जा रहा है। चूंकि वर्तमान में विधानमंडल सत्र चल नहीं रहा है, इसलिए इससे संबंधित अध्यादेश लाया जा सकता है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद गृह विभाग से लेकर न्याय विभाग तक सक्रिय हुआ। जव जेहाद के मामले में कार्रवाई के बारे में मौजूदा कानूनों की समीक्षा की जा रही है।
हाल के दिनों में कई मामलों में ऐसा देखा गया कि प्यार और शादी के नाम पर युवतियों का धर्मांतरण कराया गया और बाद में क्रूरता की हदें पार करते हुए उनकी हत्या तक कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने इस तरह की घटनाओं को बेहद गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। पिछले दिनों कानपुर में हुई ऐसी ही घटनाओं पर पुलिस ने एक विशेष जांच दल का गठन किया था।
पहले विधि आयोग ने दिया था सुझाव
उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने पिछले वर्ष मुख्यमंत्री को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें जबरन धर्मांतरण की घटनाएं रोकने के लिए एक नया कानून बनाने का सुझाव दिया गया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि मौजूदा कानूनी प्रावधान धर्मांतरण की जांच करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं और इस गंभीर मसले पर कुछ अन्य राज्यों की तरह एक नए कानून की जरूरत है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट के साथ विधेयक का मसौदा भी प्रस्तुत किया था। रिपोर्ट में आयोग ने पड़ोसी देशों जैसे नेपाल, म्यांमार, भूटान, श्रीलंका और पाकिस्तान में बनाए गए धर्मांतरण विरोधी कानूनों का जिक्र भी किया था। इसके अलावा आयोग ने मध्य प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में बलपूर्वक, धोखाधड़ी, विवाह या खरीद द्वारा धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने को बनाए गए विशेष कानून पर भी प्रकाश डाला था।