न्यूज जंक्शन 24, बरेली।
बरेली एवं बदायूं जिले के गांवों में दो चमात्कारिक बैलों की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है। बताया जाता है कि दोनों बैल मंदिर में साथ रहते हैं। रामगंगा में प्रतिदिन गंगा स्नान के लिए जाते हैं। मान्यता हैं इन बैलों से जो भी मन्नत मांगों पूरी करते हैं। इनको नन्दी का स्वरूप कहा जा रहा है।
भमोरा से करीब 25 किलोमीटर दूर बदायूं के दातागंज थाना क्षेत्र के गांव धनौर में ये बैल पिछले करीब डेढ़ माह से साथ देखे जा रहे हैं। दोनों बैलों को देखने के लिए प्रतिदिन दोनों जिलों के दूरदराज इलाके से लोग पहुंच रहे हैं। गांव में स्थित मंदिर के पुजारी महिंद्र ने बताया कि बैलों को एक साल पहले गांव में देखा गया था। उस समय दोनों काफी छोटे थे। अब दोनों ही एक ही जैसे दिखते हैं। रंग और कद काठी भी समान है।
जिसने बैलों को बांधा, हुआ बीमार
बताते हैं कि कुछ लोगों ने बैलों को रस्सी से बांधकर रखा या दोनों को अलग-अलग किया वह बीमार हो गया। इसलिए उन्हें छोड़ना पड़ गया। खुलने के बाद बैल खुद ही मंदिर पर आ गए। खुले में ही रहने लगे। दोनों बैल नियमित सुबह 4 बजे मंदिर से निकल जाते हैं लेकिन आज तक किसी ने बैलों को गंगा की ओर जाते नहीं देखा मगर गंगा की ओर से लौटते रोज ही दोनों को देखा जा रहा है।
मन्नत मांगने के लिए फेरते हैं हाथ
जिस किसी को मन्नत मांगनी होती है, वह दोनों बैलों पर हाथ फेरता है। इसके बाद मंदिर में रखी मटकी पर हाथ रखता है। मान्यता है कि अगर मटकी घूमती है तो समझो कि मन्नत पूरी होगी। हालांकि, कुछ लोग इसे अंधविश्वास भी मानते हैं।