हिन्दूवादी नेता कमलेश तिवारी आतंकी संगठन आईएसआईएस की हिट लिस्ट में थे। वर्ष 2017 में गुजरात एटीएस के हत्थे चढ़े आईएसआईएस के दो आतंकियों से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ था। आतंकियों के आकाओं ने उन्हें कमलेश का यू-ट्यब वीडियो दिखाकर कहा था कि.. हम लोगों को इसकी हत्या करनी है। जांच एजेंसी ने दोनों आतंकियों के खिलाफ कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में भी इस बात का जिक्र किया था। शुक्रवार को नाका के खुर्शेदबाग में कमलेश तिवारी की हत्या के बाद यूपी एटीएस की टीम इस दिशा में भी जांच कर रही है।
25 अक्टूबर 2017 को गुजरात एटीएस ने मोहम्मद कासिम स्टिंबरवाला और उबेद अहमद मिर्जा को सूरत से गिरफ्तार किया था। एटीएस ने दावा किया था कि वे आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े हैं और अहमदाबाद के खादिया इलाके में स्थित यहूदी उपासनागृह में हमले की योजना पर काम कर रहे थे। 20 अप्रैल 2018 को जांच एजेंसी ने दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें बताया गया था कि कासिम स्टिंबरवाला अंकलेश्वर के एक अस्पताल में लैब टेक्नीशियन के रूप में काम करता था, जबकि उबेद अहमद मिर्जा सूरत जिला अदालत में वकील होने के साथ एक होटल भी चला रहा था।लखनऊ में हिंदू महासभा के पूर्व नेता कमलेश तिवारी की गोली मारकर हत्या, भगवा कपड़े में आए थे हत्यारेलखनऊ के नाका थाना क्षेत्र स्थित हिन्दू महासभा के नेता कमलेश तिवारी को बेखौफ बदमाशों ने दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी है।
हैंडलर ने कही थी हत्या की बात
एटीएस ने 1500 पन्नों की चार्जशीट में जांच और पूछताछ में सामने आए सभी बिन्दुओं का उल्लेख किया था। इसी में कमलेश तिवारी का भी जिक्र आया था। रिपोर्ट के मुताबिक, उबेद मिर्जा ने कबूला था कि उन लोगों के हैंडलर ने उन्हें कमलेश तिवारी का वह वीडियो दिखाया था, जिसमें वह पैगम्बर मोहम्मद पर अमर्यादित बयान दे रहे थे। इसी के बाद हैंडलर ने कहा था कि.. हम लोगों को इसे मार डालना है।
हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्यारे CCTV फुटेज में कैद
हत्या का तरीका भी आईएसआईएस सरीखा
कमलेश तिवारी की हत्या करने आए हमलावरों के पास दो हथियार थे। पहला चाकू और दूसरा तमंचा। लेकिन उन लोगों ने कमलेश की गोली मारकर हत्या नहीं की। बल्कि चाकू से बर्बरतापूर्वक वार करके कमलेश को मौत के घाट उतारा। हत्यारों ने कमलेश की गर्दन को बुरी तरह रेता, गाल और ठुड्डी पर घाव किए और सीने में चार-पांच बार चाकू घोंपा। गौरतलब है कि धारदार हथियार से गला रेतकर नृशंस हत्या करने का तरीका आईएसआईएएस आतंकियों का है। ऐसे में पुलिस अधिकारी भी घटना का आतंकी कनेक्शन निकाल रहे हैं।