बरेली। छात्रों को बाल यौनाचार, ड्रग्स और गंभीर अपराधों के प्रति जागरुक करने के लिए प्रदेश के 620 स्कूलों में स्टूडेंट पुलिस कैडेट (एसपीसी) योजना शुरू की जा रही है। योजना के तहत स्कूलों में एसपीसी तैयार कर उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन के लिए डीएम की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय कमेटी का भी गठन किया गया है।
यौनाचार, नशाखोरी आदि की शुरुआत अक्सर स्कूली जीवन से ही हो जाती है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए बच्चों को जागरुक करने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है। अभियान के तहत प्रदेश के 620 स्कूलों में कक्षा आठ और नौ के छात्रों को एसपीसी में शामिल किया जाएगा। इन छात्रों को नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें पुलिस की तरफ से अपराधों से लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इनके लिए एनसीसी की तर्ज पर अलग डे्रस और लोगो भी होगा। प्रमुख सचिव अरविंद कुमार ने इसके क्रियान्वयन के लिए सभी डीएम को पत्र जारी किया है। डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी ही योजना की समीक्षा करेगी। इस कमेटी में पुलिस अधीक्षक, डीआईओएस, बीएसए और पुलिस अधिकारी स्तर से नामित पुलिस उपाधीक्षक स्तर के नोडल अधिकारी सदस्य के तौर पर शामिल होंगे।
हर महीने करनी होगी डीएम को समीक्षा
डीएम को महीने के पहले हफ्ते में बैठक कर कार्यक्रम की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है। उन्हें हर महीने कम से कम एक ऐसे स्कूल का निरीक्षण भी करना है जिसमें एसपीसी कार्यक्रम चल रहा हो। एक जनपदीय नोडल अधिकारी भी बनाया जाएगा। उन्हें कम से कम दो स्कूलों के निरीक्षण का आदेश दिया गया है। डीआईओएस दो और बीएसए एक स्कूल का निरीक्षण करेंगे।
एसपी, शिक्षा अधिकारियों को भी जिम्मेदारी
पुलिस अधीक्षक जिले के प्रत्येक थाने पर एक नोडल अधिकारी को तैनात करेंगे। एसपी एसपीसी की हर बैठक में शामिल होकर पुलिस विभाग के तथ्यों से डीएम को अवगत कराएंगे। मासिक अपराध गोष्ठी में अपराध समीक्षा के साथ साथ एसपीसी कार्यक्रम के क्रियान्वयन और प्रगति पर चर्चा करेंगे। एसपी भी महीने में कम से कम एक स्कूल का निरीक्षण करेंगे।
बाहर भी ले जाएंगे विजिट पर
डीआईओएस डा अचल कुमार मिश्र ने बताया कि एसपीसी के सदस्यों को स्कूलों के बाहर भी भ्रमण पर ले जाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी थाना स्तरीय पुलिस नोडल अधिकारी को दी गई है। वो डीआईओएस और बीएसए से समन्वय स्थापित कर छात्रों को विजिट पर ले जाएंगे। अभी इसका विस्तृत कार्यक्रम आने का इंतजार है।