अवैध कब्जों पर प्रशासन की नज़र, यहां शुरू हुआ ड्रोन से सर्वे अभियान

7
खबर शेयर करें -

उत्तराखंड में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन सख्त रुख अपनाए हुए है और कुमाऊं मंडल में बड़ी कार्रवाई की तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। इसी कड़ी में रामनगर के ग्राम पूछड़ी क्षेत्र में वर्षों से वन भूमि पर बने अवैध कब्जों को हटाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। तराई पश्चिमी वन प्रभाग की इस भूमि पर लंबे समय से लोग अवैध खेती कर रहे थे। वन विभाग ने पहले भी इन कब्जों को चिह्नित किया था, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। मामला वर्तमान में उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

कुछ वर्ष पहले तराई पश्चिमी वन प्रभाग ने रामनगर नगर पालिका को कूड़ा निस्तारण (ट्रेंचिंग ग्राउंड) के लिए लगभग एक हेक्टेयर भूमि दी थी। इसके बदले नगर पालिका ने वन विभाग को करीब एक करोड़ रुपये भी प्रदान किए थे। इसके बावजूद यह भूमि आज भी कई लोगों के अवैध कब्जे में है, जिससे सरकार की योजना प्रभावित हो रही है।

स्थिति को देखते हुए अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार कत्याल, वन विभाग की एसडीओ किरण शाह, राजस्व विभाग, पुलिस और नगर पालिका की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर व्यापक सर्वे किया। ड्रोन कैमरों के जरिए अवैध कब्जों की पहचान की गई। प्रशासनिक कार्रवाई की भनक लगते ही अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया और कुछ लोगों ने अधिकारियों से बहस भी की।

पहले चरण में नगर पालिका को दी गई ट्रेंचिंग ग्राउंड की भूमि से अतिक्रमण हटाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों के बीच विस्तृत रणनीतिक बैठक हो चुकी है। एएसपी मनोज कुमार कत्याल के अनुसार, वर्ष 2024 में वन भूमि पर अवैध कब्जे के आरोप में कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी जांच जारी है। इसी मामले की गहन जांच के लिए सरकार ने एसआईटी भी गठित की है। जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ लोगों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर भोले-भाले लोगों को सस्ते दामों में जमीन बेच दी थी।

अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन कब और किस प्रकार बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाएगा। उल्लेखनीय है कि वन विभाग की लगभग 1,000 हेक्टेयर भूमि पर 500 से अधिक परिवारों ने कब्जा कर रखा है।