न्यूज जंक्शन 24, बरेली।
प्रेम विवाह के बाद साक्षी-अजितेश पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अजितेश को दूसरी बार जेल की हवा खानी पड़ रही है। 2019 के मामले में शनिवार को फिर प्रेमनगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। अजितेश के परिवार वाले भी अब उसका साथ नहीं दे रहे हैं।
मुरादाबाद में कटघर थाने की इंद्रा कालोनी के रहने वाले एक मेडिकल कंपनी में रिप्रंजटेटिव अमित मिश्रा वर्तमान में गांधीपुरम स्थित हार्टमेन कालेज रोड पर रहते हैं। 21 जून 2019 की रात को डीडीपुरम में गंगा हास्पिटल पीछे एक होटल में पार्किंग को लेकर विवाद हो गया था। आरोप है कि इसके बाद कुछ लोग अमित मिश्रा को होटल में ले गये। वहां कमरे में बंदकर दो घंटे तक उसे पीटा। इसके बाद भी जब उनका जी नहीं भरा तो अमित को एक स्विफ्ट में डालकर ले जाने लगे। अमित ने टायलेट जाने का बहाना किया। काफी पीटने के बाद अमित को गाड़ी से टायलेट करने के लिये नीचे उतारा। जिस पर वह भागकर चीता मोबाइल के पास पहुंच गया। उसने पूरी घटना पुलिस को बताई। इसके बाद देर रात वह थाना प्रेमनगर पहुंचा। प्रेमनगर थाने में अमित मिश्रा की ओर से किला में बमनपुरी मलूकपुर के रहने वाले मयंक रस्तोगी और चार अज्ञात के खिलाफ मारपीट, जान से मारने की धमकी, गाली गलौज, अपहरण की कोशिश के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।
विवेचना में सीसीटीवी फुटेज और बयानों में खुला अजितेश का नाम
22 जून 2019 को प्रेमनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे की विवेचना डेलापीर चौकी इंचार्ज मदन सिंह तोमर ने की। विवेचना के दौरान पुलिस ने मयंक रस्तोगी के अलावा ग्रीन पार्क के रहने वाले आयुष तनेजा, साहूकारा के अनिकेत और अमन मिश्रा, वीर सावरकर नगर के रहने वाले अजितेश नायक उर्फ अभि ठाकुर के नाम मुकदमे में खुले थे। प्रेमनगर पुलिस ने अजितेश को छोड़कर अन्य सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उनके खिलाफ चार्जशीट भी कोर्ट जा चुकी है। शनिवार सुबह पुलिस ने अजितेश को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। दोपहर बाद जेल भेज दिया।
एसओजी और दरोगा बताकर पुलिस पर गांठा था रौब
अमित मिश्रा ने बताया कि आरोपियों ने एसओजी और दरोगा बताकर पुलिस पर रौब गांठा था। चीता मोबाइल के पहुंचने पर कोई खुद को एसओजी इंचार्ज और कोई थाने का दरोगा बता रहा था। बाद में जब दूसरी चीता मोबाइल आई, तब आरोपी छोड़कर फरार हो गये थे।
दुधमुंहे बच्चे को गोद में लेकर भटकती बिलखती रही साक्षी
अजितेश की गिरफ्तारी के बाद साक्षी दुधमुंहे लड़के को गोद में लेकर प्रेमनगर थाने पहुंचीं। पहले वह मुकदमे के वादी अमित मिश्रा से मिन्नतें करती रहीं, लेकिन वह नहीं माना। बाद में उन्होंने पुलिस वालों से कहा कि डेढ़ साल पुराने मुकदमे में अजितेश को झूठा फंसाया गया है। थाने से लेकर कोर्ट तक बच्चे को लेकर वह घूमती रहीं, लेकिन कोई बात नहीं बनी। अजितेश के जेल जाने के बाद गनर के साथ स्कूटी पर वह वीर सावरकर नगर घर चलीं गईँ।
आर्थिक स्थिति से जूझ रहे, सभी ने छोड़ा साथ
दो साल पहले प्रेम विवाह कर चर्चा में आये अजितेश और साक्षी की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। एक महिला दरोगा से बातचीत में साक्षी ने कहा कि पहले सभी लोग साथ में थे। अब कोई मदद को नहीं आ रहा है। हम और अजितेश अकेले पड़ गये हैं। सभी ने साथ छोड़ दिया है। प्रेमनगर थाने से लेकर कोर्ट तक अजितेश की पैरवी में एक दो वकील गये, इसके अलावा कोई नजर नहीं आया।