देहरादून। अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार उन्होंने कहा है कि कुंभ बनारस में भी होता है।
तीरथ सिंह मंगलवार को हरिद्वार स्थित मीडिया सेंटर में कुंभ से जुड़ी योजनाओं का लोकार्पण करने आए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बनारस में भी कुंभ होता है।
सत्ता संभालने के बाद से ही उत्तराखंड के सीएम का विवादों से नाता नहीं टूट रहा है। एक के बाद एक बयान पर वह ट्रोल होते रहे। महिलाओं की फटी जींस को लेकर और भारत को अमेरिका का गुलाम बताने को लेकर तो कई सेलीब्रेटी भी ट्विट करने में पीछे नहीं रहे। इसके बाद वह होली मिलन कार्यक्रम के दौरान कोरोना संक्रमित हो गए। वह कल ही आइसोलेशन से बाहर आए और उन्होंने कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बोल गए कि- कुंभ हरिद्वार में होता है। 12 साल में होता है। बार-बार नहीं होता है। बनारस होता है, उज्जैन होता है। इसलिए ये भव्य दिव्य होना चाहिए।
उनके इस भाषण को वीडियो के साथ उत्तराखंड के कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने ट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा है कि-लीजिए साहब आ गए। लाफ्टर चैलेंज के नए सितारे। क्वारंटीन से वापस। आते ही फिर मारा छक्का। कुंभ बनारस में भी होता है।
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तीरथ सिंह के विवादित बयान
तीरथ सिंह के उत्तराखंड के सीएम बनने के बाद वो विवादित बयान देते रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने नरेंद्र मोदी की भगवान राम और श्री कृष्ण से तुलना कर दी थी। उन्होंने कहा था कि जिस तरह से द्वापर और त्रेता युग में भगवान राम व कृष्ण को लोग उनके कामों की वजह से भगवान मानने लगे थे उसी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आने वाले समय में भगवान राम और कृष्ण की तरह मानने लगेंगे।
फटी जींस वाले बयान पर मांगी थी माफी
तीरथ सिंह ने लड़कियों की फटी जींस पर भी विवादित बयान दिया था जिसके बाद उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी थी। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था, “मैं जयपुर में एक कार्यक्रम में था। अगले दिन करवाचौथ था और जब मैं जहाज में बैठा, तो मेरे बगल में एक बहनजी बैठी थीं। मैंने जब उनकी तरफ देखा तो नीचे गमबूट थे। जब और ऊपर देखा तो घुटने फटे थे। हाथ देखे तो कई कड़े थे। उनके साथ में दो बच्चे भी थे। मैंने कहा- बहनजी कहां जाना है ? उन्होंने कहा कि दिल्ली जाना है। पति कहां हैं? जेएनयू में प्रोफेसर हैं। तुम क्या करती हो? मैं एक एनजीओ चलाती हूं। एनजीओ चलाती हैं, घुटने फटे दिखते हैं, समाज के बीच में जाती हो, बच्चे साथ में हैं, क्या संस्कार हैं ये?”
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रामनगर मेंं दिए थे दो विवादित बयान
पिछले माह रामनगर में अंतरराष्ट्रीय वानिकी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम रावत ने लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा बांटे गए अनाज को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रति यूनिट पांच किलो राशन देने का काम किया। जिसके दस थे, पचास किलो आ गया, बीस थे तो क्विंटल आ गया। दो थे तो दस किलो आ गया। लोगों ने स्टोर बना लिए। खरीददार सामने ढूंढ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों में सरकार द्वारा बांटे गए चावल को लेकर जलन भी होने लगी कि दो सदस्यों वालों को 10 किलो, जबकि 20 सदस्य वालों को एक क्विंटल अनाज क्यों दिया गया ? उन्होंने कहा की ‘भैया इसमें दोष किसका है, उसने 20 पैदा किए, आपने दो पैदा किए, तो उसको एक क्विंटल मिल रहा है, इसमें जलन काहे का। जब समय था तब आपने दो ही पैदा किए, 20 क्यों नहीं किए।’ इसके बाद उन्होंने भारत 200 साल तक अमेरिका का गुलाम भी बता दिया थ।