न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। सत्र शुरू होते ही पहले दिन तीनों कृषि कानून वापसी बिल दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से भी पास हो गया है। तीनों कृषि कानून के विरोध में पिछले करीब एक साल से दिल्ली की सीमा पर किसान संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। इस दौरान राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि चुनाव हारने के डर से सरकार ने इस कानून को वापस लिया।
सबसे पहले बिल को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में पेश किया। विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा से विधेयक पारित हो गए। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा ने विपक्ष के हंगामे के बीच तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही मंजूरी प्रदान कर दी।
लोकसभा में कृषि कानून वापसी विधेयक पास होने के बाद इसे राज्यसभा में भी पास कर दिया गया। वहीं इस दौरान विपक्ष का हंगामा जारी रहा। इससे पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि सदन को चलने नहीं देने के लिए सरकार हम पर आरोप लगाती है। लेकिन कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 पेश किया गया और बिना चर्चा के पारित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि भले ही सरकार ने कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया हो, लेकिन इसकी ‘मन की बात’ कुछ और है।
इसके अलावा राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोकसभा में कृषि कानून वापसी बिल पास होने के बाद अब राज्यसभा में भी बिना चर्चा के ही सरकार इसे पेश करेगी। हम चाहते हैं कि कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 पर चर्चा हो। लेकिन लोकसभा में इस विधेयक को जल्दबाजी में पारित कर वे सिर्फ यह साबित करना चाहते हैं कि वे किसानों के पक्ष में हैं।
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