उत्तराखंड में Special Intensive Revision (SIR) को लेकर राजनीतिक दलों ने युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। राज्य निर्वाचन आयोग की निगरानी में SIR प्रक्रिया का उद्देश्य वोटर लिस्ट में पारदर्शिता बढ़ाना है, लेकिन इसे लेकर राजनीतिक दल भी पूरी तरह अलर्ट हैं। पार्टियों ने बूथ स्तर तक जिम्मेदार सदस्यों का विस्तृत लेखा-जोखा तैयार करना शुरू कर दिया है।
SIR को केवल तकनीकी प्रक्रिया नहीं बल्कि चुनावी रणनीति का हिस्सा मानते हुए राजनीतिक दल ऐसे कार्यकर्ताओं को चिन्हित कर रहे हैं जो इस प्रक्रिया को पूरी तरह समझते हों। पार्टी नेतृत्व का फोकस है कि जिम्मेदारियों के लिए भरोसेमंद और अनुभवी कार्यकर्ताओं का चयन किया जाए।
उत्तराखंड में पहले BLA-1 नामांकन की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने 70-70 BLA-1 सदस्यों की सूची निर्वाचन आयोग को सौंप दी है। अब दोनों पार्टियां BLA-2 सूची तैयार करने में जुटी हैं और उम्मीद है कि दिसंबर के अंत तक सभी सूचियां आयोग को भेज दी जाएंगी।
कांग्रेस ने लगभग 11,700 बूथ स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं की सूची तैयार कर ली है। इसके लिए प्रभारी नियुक्त किए गए हैं, जो BLA-1 और BLA-2 की सूची तैयार करने में मदद कर रहे हैं।
भाजपा भी पीछे नहीं है। संगठनात्मक मंथन के बाद पार्टी BLA-2 सूची को अंतिम रूप देने के करीब है। प्रदेश महामंत्री कुंदन परिहार का कहना है कि डेडलाइन से पहले सूची तैयार कर आयोग को भेज दी जाएगी।
राजनीतिक दल यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि नामित BLA कार्यकर्ता प्रक्रिया को पूरी तरह समझें और पार्टी से प्रशिक्षण प्राप्त करें। इसका उद्देश्य SIR प्रक्रिया को प्रभावी और पारदर्शी बनाना है।
उत्तराखंड में राजनीतिक दलों की यह सक्रियता बताती है कि SIR के महत्व को समझते हुए सभी पार्टियां जमीनी स्तर पर पूरी तैयारी कर रही हैं।



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