नैनीताल के नितिन पंत को बना दिया अली हसन, एटीएस के शिकंजे चढ़ा मौलाना तो किए बड़े खुलासे

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मौलाना कलीम सिद्​दीकी
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हल्द्वानी। लोगों का धर्म बदलवाने वाला सिंडिकेट अभी भी सक्रिय है। यूपी एटीएस ने मेरठ से एक मौलाना को इस मामले में गिरफ्तार किया है। मौलाना का नाम कलीम सिद्​दीकी है। गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ की गई तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

यूपी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया है कि कुछ समय पहले नैनीताल के रहने वाले नितिन पंत को धर्म परिवर्तन कराकर अली हसन बना दिया गया था।नितिन पंत जुलाई माह में सहारनपुर आया था, जहां हिंदू संगठन के पदाधिकारी निपुण भारद्वाज को उसने अपनी समस्या बताई। निपुण भारद्वाज ने उनकी समस्या जानने के बाद इस मामले में पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से कार्रवाई कराने की मांग की थी। नितिन पंत ने बताया था कि वह नौकरी के सिलसिले में राजस्थान गया था। वहां दूसरे समुदाय के लोगों ने लालच देकर उसे धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया और फिर धर्म परिवर्तन करा दिया। इसके बाद उस पर अन्य लोगों को भी धर्म परिवर्तित कर इस्लाम कबूल कराने का दबाव बनाया जाता था। नितिन पंत ने यह भी बताया था कि उसको मुजफ्फरनगर जनपद के एक धार्मिक स्थल में इस्लामी तौर तरीके सिखाने के लिए रखा गया था। उसके बाद सहारनपुर जिले के कोटा गांव स्थित मदरसे में पढ़ाने के लिए भेजा गया था। गिरफ्तार मौलाना ने ही नितिन पंत का धर्म परिवर्तन कर उसे अली हसन बनाया दिया था।

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि एटीएस की जांच में सामने आया है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट को बहरीन से 1.5 करोड़ रुपये सहित अन्य देशों से फंडिंग के जरिए 3 करोड़ रुपये मिले। वहीं उत्तर प्रदेश एटीएस महानिरीक्षक जीके गोस्वामी ने बताया कि धर्मांतरण के देशव्यापी सिंडिकेट चलाने वाले मौलाना कलीम ने भारत में तकरीबन एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराया। धर्मांतरण से जुड़े इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए एटीएस की छह टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें पूरी छानबीन करने के बाद मामले में रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपेंगी।

यूपीएटीएस के अनुसार, मौलाना कलीम सिद्दीकी दिल्ली में रहता है और विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की आड़ में अवैध धर्मांतरण के कार्य को अंजाम देता है, जिसके लिए विदेशों से फंडिंग की जाती है। मौलाना इन मदरसों की आड़ में पैगामे इंसानियत के संदेश देने के बहाने लोगों को जन्नत और जहन्नुम जैसी बातों का लालच या भय दिखाकर इस्लाम स्वीकारने के लिए प्रेरित करता है और बाद में इन्हें प्रशिक्षित कर अन्य लोगों का धर्मांतरण कराने का कार्य करता है।