न्यूज जंक्शन 23, देहरादून। Ankita Bhandari murder case : स्कूल के समय से ही होनहार छात्रा रही अंकिता भंडारी का सपना केवल अपने माता-पिता व भाई के लिए ही समर्पित था। वह गांव में ही दो कमरों का एक छोटा सा घर बनाना चाहती थी, जो अधूरा ही रह गया।
पौड़ी ब्लॉक के डोभ श्रीकोट कस्बे के एक छोटे से गांव की रहने वाली अंकिता भंडारी अपने माता-पिता के लिए गांव में ही एक छोटा सा नया घर बनाना चाह रही थी। अंकिता की इस बात का माता-पिता को बेहद अफसोस है कि अंकिता का सपना पूरा नहीं हो सका। यह बात अंकिता के माता पिता ने कही।
भंडारी दंपति ने बताया कि बेटी अपने पैतृक गांव में सपनों का घर बनाना चाह रही थी। इसके लिए अंकिता ने इसी साल जनवरी में घर के पीछे वाली जगह पर पत्थर भी निकलवाए थे। डोभ श्रीकोट के जिस पैतृक घर में अंकिता रहती थी, वह घर पटाल व मिट्टी का बना है, जो उनके दादा-परदादा के जमाने का है। खेती बाड़ी व दूध बेचकर घर की आजीविका चलाने वाले भंडारी दंपति के लिए घर बनाना किसी चुनौती से कम नहीं है। लेकिन होनहार अंकिता के लिए यह काम बड़ा नहीं था। पौड़ी से करीब 88 फीसदी नंबरों से इंटरमीडिएट करने के बाद अंकिता ने देहरादून से होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया था। इसके बाद वह वनंत्रा रिसॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट कार्यरत थी।
वहीं अंकिता की मां अब अपने इकलौते बेटे अजय को घर से बाहर भेजने में भी कतरा रही है। 7 दिन बाद घर पहुंचे अंकिता के पिता को देखकर भी उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे। अंकिता की मां की नजरें अब केवल आरोपियों को सजा दिलाने पर टिकी हैं। अंकिता की मां की एक ही इच्छा रह गई है कि आरोपी किसी भी सूरत में बचने ना पायें। मां ने तो पूर्व सीएम हरीश रावत से यह तक कह दिया कि पहले तो आरोपियों को फांसी की सजा मिले नहीं तो हमारे पूरे परिवार को ही मार दो। वहीं पिता ने आरोपी पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य को भी हिरासत में लेने की मांग उठाई। कहा कि रसूखदार आर्य से उनके परिवार की सुरक्षा खतरे में है।
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