हल्द्वानी : आग में राख हुए 2500 मजदूरों के अरमान, देखते ही देखते भस्म हो गईं 150 झोपड़ियां

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लालकुआं । गौला नदी के मोटाहल्दू उपखनिज निकासी गेट के पास बनीं मजदूरों की झोपडि़यां शुक्रवार को आग में राख हाे गईं। आग कैसे लगी इसका कारण पता नहीं चला, मगर एक झोपड़ी से उठी चिंगारी दाेपहर में चल रही तेज हवा का साथ पाकर भड़क गई और आसपास की करीब 150 झोपड़ियों को देखते ही देखते राख कर दिया। मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने किसी तरह से आग पर काबू पाया, मगर तब तक सब कुछ खत्म हो गया था। इन झोपड़ियों में करीब 2500 मजदूर अपना गुजारा कर रहे थे, मगर शुक्रवार को उनकी आंखों के सामने नकदी, राशन, कपड़े, बिस्तर, कागजात आदि सामान अाग में स्वाहा हो गया। ये मजदूर बिहार, यूपी के रहने वाले थे और यहां गौला नदी में मजदूरी करते थे। इससे वे अब खुले आसमान के नीचे आ गए हैं। मौके पर पहुंचे वन अधिकारियों ने मदद का भरोसा दिया। बताया गया कि गनीमत यह रही कि अग्निकांड में कोई जनहानि नहीं हुई।

सीजन की कमाई हुई स्वाहा

कोरोना काल में बड़ी मुश्किल से नदी में खनन शुरू हुआ था। पिछले साल का सीजन महामारी की भेंट चढ़ने से इस बार मजदूरों को उम्मीद बंधी थी। दो महीने से यहां रहकर ये काम कर रहे थे। घर लौटने से पहले उन्होंने अपने और परिवार के लिए जमापूंजी जुटाई थी, मगर शुकवार काे इसी सीजन की पूरी जमापूंजी राख हो गई।