हल्द्वानी। युवा पर्वतारोही और कुमाऊं मंडल विकास निगम नैनीताल के एडवेंचर विंग में कार्यरत शीतल राज और उत्तराखंड एसडीआरएफ के कांस्टेबल राजेंद्र नाथ ने इतिहास बनाया है। दोनों ने अलग-अलग दिन अलग-अलग टीम में रहकर यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा लहराकर आजादी का जश्न मनाया। यह चोटी रूस के जॉर्जिया बॉर्डर पर स्थित है और इसकी ऊंचाई 5642 मीटर है।
शीतल कर रही थीं अपनी टीम को लीड
क्लाइम्बिंग बियॉन्ड द समिट्स (सीबीटीएस) की ओर से आयोजित चार सदस्यों की एक टीम को 25 वर्षीय महिला पर्वतारोही शीतल लीड कर रही थी। टीम में राजस्थान के जुड़वा भाई तपन देव सिंह और तरुण देव सिंह के अलावा चौथे सदस्य केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से जिगमित थरचिन थे। वहीं, शीतल ने एवरेस्ट, कंचनजंगा और अन्नपूर्णा जैसे दुर्गम पर्वतों को भी फतह किया है। शीतल के नाम सबसे कम उम्र में कंचनजंगा और अन्नपूर्णा फतह का रिकार्ड है। अब एल्ब्रुस को भी फतह करने के बाद शीतल का कहना है, 15 अगस्त को देखते हुए हमने प्लान बनाया था। अंतिम क्षण में कोविड महामारी के कारण फ्लाइट रद होने के कारण टीम तीन दिन देरी से मास्को पहुंची। 13 अगस्त को 3600 मीटर में अपना बेस कैंप बनाया। अगले दिन ही 14 अगस्त की रात को माउंट पर चढ़ाई के लिए निकल गए। 15 अगस्त को दोपहर एक बजे एल्ब्रुस की चोटी पर तिरंगा लहराकर आजादी का जश्न मनाया। 48 घंटे के अंदर बेस कैंप से पर्वत की चढ़ाई पूरी करना बहुत ही मुश्किल था और बहुत ही कम लोग ऐसा कर पाते हैं। एल्ब्रुस जाने से पहले शीतल और उसकी टीम ने उत्तराखंड के हिमालय में पर्याप्त ट्रेनिंग की थी और इसी का नतीजा था की टीम रिकॉर्ड समय पर सम्मिट कर पायी।
शीतल के पिता चलाते हैं टैक्सी
कामयाबी का झंडा गाड़ने वाली शीतल राज बहुत ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता उमाशंकर राज टैक्सी चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। वह टैक्सी चलाकर महीने में किसी तरह छह-सात हजार रुपए कमा पाते हैं। मगर उन्होंने बेटी के सपनों को कभी भी आगे बढ़ाने से नहीं रोका।
राजेंद्र नाथ उत्तराखंड के पहले पुलिसकर्मी
वहीं, एसडीआरएफ के कांस्टेबल राजेंद्र नाथ ने माउंट एल्ब्रुस को फतह कर ऐसा करने वाले वह उत्तराखंड के पहले पुलिसकर्मी बन गए हैं। राजेंद्र नाथ ने 12 अगस्त को बहुत खराब मौसम में यूरोप महाद्वीप स्थित सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस को फतह करके इतिहास रचा है। वह 360 एक्सप्लोरर महाराष्ट्र की ओर से 9 अगस्त से 17 अगस्त 2021 तक हुए एक्सपीडिशन में शामिल थे। राजेंद्र नाथ ने इससे पहले प्री-एवरेस्ट कहे जाने वाले माउंट त्रिशूल (7120 मीटर), सतोपंथ, चंद्रभागा-13 (6264 मीटर) एवं डीकेडी-2 (5670 मीटर) का भी सफलतापूर्वक आरोहण किया था।
सुप्त ज्वालामुखी है एल्ब्रुस पर्वत
एल्ब्रुस पर्वत एक सुप्त ज्वालामुखी है, जो कॉकस क्षेत्र की कॉकस पर्वत शृंखला में स्थित है। इसके दो शिखर हैं, पश्चिमी शिखर 5642 मीटर यानी 18590 फिट ऊंचा है। पूर्वी शिखर उससे कम 5621 मीटर यानी 18442 फिट ऊंचा है।
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