फल-सब्जी, मांस-मछली व दूध की दुकानें अब सुबह सात से 10 बजे तक खुलेंगी
-परचून की दुकानें आज एक बजे तक खुलेंगी और इसके बाद यह 14 मई को सुबह सात से 12 बजे तक खुलेंगी।
-विवाह समारोह में अब केवल 20 व्यक्ति ही हो पाएंगे शामिल, पहले 25 थी यह संख्या।
-अंतरराज्यीय और अंतर जिला परिवहन में 50 फीसद क्षमता के साथ चलेंगे सार्वजनिक वाहन।
-कलक्ट्रेट, मंडलायुक्त कार्यालय, विधानसभा, सचिवालय, आवश्यक सेवाओं के निदेशालयों व बैंकों को छोड़कर शेष सभी कार्यालय बंद
-राज्य में सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षिक गतिविधियां व सांस्कृतिक समारोह अग्रिम आदेशों तक बंद
देहरादून: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से चिंतित सरकार ने अब राज्य में सोमवार से 18 मई की सुबह छह बजे तक प्रथम चरण में सख्त कोविड कफ्र्यू लगाने का निर्णय लिया है। इस दौरान फल-सब्जी, मांस-मछली व दूध की दुकानें सुबह सात से 10 बजे तक खुलेंगी। परचून की दुकानों के मामले में सोमवार को एक बजे तक खुला रखने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद ये दुकानें 14 मई को सुबह सात से 12 बजे तक खुलेंगी। कलक्ट्रेट, मंडलायुक्त कार्यालय, विधानसभा, सचिवालय, आवश्यक सेवाओं के निदेशालय और बैंकों को छोड़कर शेष सभी कार्यालय बंद रहेंगे। बैंकों में भी कार्मिकों की संख्या बेहद कम रखी जाएगी। दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने वालों के लिए स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण और 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है।
अंतरराज्यीय व अंतर जिला परिवहन में सार्वजनिक वाहन 50 फीसद क्षमता के साथ चलेंगे। औद्योगिक इकाइयां संचालित होंगी और उनके कार्मिकों को आने-जाने की छूट रहेगी, लेकिन उनके लिए वाहन की व्यवस्था संबंधित इकाइयों का प्रबंधन अथवा ठेकेदार करेंगे। सरकार के फैसले के बाद शासन ने देर शाम को कोविड कफ्र्यू के लिए मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) भी जारी कर दी।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर सर्वाधिक प्रभावित जिलों देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर के साथ ही कुछ संवेदनशील स्थानों पर कोविड कफ्र्यू पहले लगा दिया गया था। बाद में अन्य जिलों में भी नगर निकायों, कस्बों व ग्रामीण बाजारों में कोविड कफ्र्यू लगाया गया। इसकी अवधि सोमवार सुबह पांच बजे खत्म हो रही है। इस सबके बावजूद संक्रमण के मामले थम नहीं रहे। इस सबको देखते हुए सरकार ने अब संपूर्ण राज्य मेंं तमाम प्रतिबंधों के साथ कोविड कफ्र्यू को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है।
सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल के अनुसार जनसामान्य के जीवन की रक्षा के मद्देनजर कोरोना की चेन तोडऩे को यह जरूरी है। 17 मई को स्थिति की समीक्षा कर आगे निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोविड कफ्र्यू के दौरान प्रदेश के गांवों में लौटने वाले प्रवासियों को ग्राम पंचायत स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर में सात दिन तक अनिवार्य रूप से आइसोलेशन में रहना होगा। इस अवधि में कोई लक्षण उजागर न होने पर ही उन्हें घर भेजा जाएगा। क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था में आने वाले व्यय का वहन राज्य वित्त के अनुदान और जरूरत पडऩे पर डीएम के अधीन राज्य आपदा मोचन निधि से वहन किया जाएगा
विवाह समारोह में शामिल होने के लिए अब केवल 20 व्यक्तियों को ही अनुमति होगी। पहले यह संख्या 25 थी। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए लोग शादी समारोह स्थगित करने का निर्णय भी अपने स्तर से ले सकते हैं। अब शवयात्रा में सिर्फ 20 व्यक्तियों को ही शामिल होने की अनुमति होगी। ट्रेन या हवाई जहाज से आने वाले यात्रियों को लोकल ट्रांसपोर्टेशन के लिए टिकट दिखाना होगा। मंडियों में केवल किसान और रिटेलर को ही आने की अनुमति होगी। प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थान पूरी तरह बंद रहेंगे। सिर्फ एमबीबीएस व बीडीएस, नर्सिंग कोर्स के अंतिम वर्ष के लिए कक्षाएं चलाई जा सकती हैं।
राज्य में शराब की दुकानें और बार पूरी तरह बंद रहेंगे। बैंक, आइटी वेंडर, गैस एजेंसी के अलावा मेडिकल स्टोर, क्लीनिक, पैथोलाजी लैब, रिसर्च लैब को कफ्र्यू से छूट दी गई है। नगर निकायों में बस अड्डों, मंडियों आदि को नियमित रूप से सैनिटाइज किया जाएगा। वैक्सीनेशन के लिए घरों से निकलने वाले 18 से 44 आयु वर्ग के व्यक्तियों को अपना पंजीकरण दिखाना होगा। 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को वैक्सीनेशन के लिए जाने की अनुमति होगी।