देहरादून। उत्तराखंड सरकार ऐसे बच्चों को पढ़ा लिखा कर शिक्षित बनाएगी, जिनके माता-पिता नहीं हैं और उनका कोई संरक्षक भी नहीं है। इस संबंध में शिक्षा विभाग को निर्देशित कर दिया गया है, विभागीय अधिकारी ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनका आवेदन विभाग में जमा कराएंगे। आवेदन जमा कराने की तिथि भी बढ़ा दी गई है, पहले 15 मार्च थी अब 22 मार्च तक आवेदन मांगे गए हैं।
उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद हर साल ऐसे बच्चों का पोषण करती है जिनके माता-पिता नहीं हैं। उनका कोई संरक्षक भी नहीं है। उनकी शिक्षा-दीक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा का पूरा ध्यान परिषद रखती है। इसी क्रम में परिषद की महासचिव पुष्पा मानस ने प्रदेश के सभी 13 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर राजकीय विधायलयों में पड़ने वाले ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनका फार्म भरकर 15 मार्च तक उपलब्ध करवाने को कहा था। लेकिन उतनी संख्या में परिणाम नहीं आ सका। लिहाजा अब आवेदन करने की तिथि को बढ़ाकर 22 मार्च कर दिया गया है।
नैनीताल जिले के शिक्षक नेता डिकर सिंह पडियार ने बाल विकास कल्याण परिषद की इस पहल को काफी सराहा है। साथ ही इसका लाभ जरूरतमंद बच्चों को मिल सके, इसके लिए शिक्षकों से भी आगे आकर फार्म भरवाने की अपील की है।