न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड में उर्दू शिक्षकों की भर्ती (recruitment of Urdu teachers) में बड़ा गोलमाल सामने आया है। पात्र न होने के बावजूद कई अभ्यर्थियों ने धांधली करते हुए शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। अभी तक ऐसे 64 घपलेबाजों के बारे में पता चला है। इनमें तीन अभ्यर्थी केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के आधार पर नियुक्ति पा गए। जबकि 31 अभ्यर्थियों (recruitment of Urdu teachers) को उत्तराखंड पात्रता परीक्षा में 90 फीसदी से कम अंकों के बावजूद सामान्य पदों पर नियुक्ति दे दी गई है। शिक्षा विभाग का कहना है कि जांच अभी जारी है, जिसके पूरी होने तक और गड़बड़ी सामने आ सकती है।
प्रदेश में बेसिक के सहायक अध्यापकों के 2287 पदों पर चल रही भर्ती में विभाग की ओर से हाल ही में उन अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है, जो वर्ष 2012 से 2018 तक केंद्रीय शिक्षक एवं उत्तराखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए बीएड मान्य न होने के बावजूद गलत तथ्य दर्शाकर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए हैं।
हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद विभाग की ओर से मामले में दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए विभाग ने अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगाई है, लेकिन 64 उर्दू शिक्षकों की भर्ती (recruitment of Urdu teachers) में कुछ अभ्यर्थी केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के आधार पर नियुक्ति पा गए हैं। इनके अलावा 31 अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में 90 फीसदी से कम अंकों के बावजूद सामान्य पदों पर नियुक्ति दी गई है।
शिक्षा निदेशक वंदना गर्ब्याल ने बताया कि शिक्षा विभाग को यह भी शिकायत मिली है कि मणिपुर के एक विश्वविद्यालय से पास कुछ अभ्यर्थी उर्दू स्नातक की डिग्री के आधार पर नियुक्ति(recruitment of Urdu teachers) पा गए हैं। इनके मणिपुर से नियमित छात्र के रूप में डिग्री लिए जाने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं जबकि इनमें से कुछ लोग मदरसों से मानदेय भी ले रहे थे। शिकायत के आधार पर संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जा रही है। जरूरत पड़ने पर पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी।
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