चंडीगढ़ में ब्लैक आउट, मदद के लिए अब बुलाई गई सेना, पंजाब-हरियाणा, हिमाचल प्रदेश से भी मांगी गई मदद

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न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। बिजली विभाग की निजीकरण के खिलाफ लड़ाई में चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इससे चंड़ीगढ़ में ब्लैक आउट (Black out in Chandigarh) हो गया है। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद से पैदा ही परिस्थिति से निपटने के लिए अब सेना की मदद ली जा रही है। चंड़ीगढ़ प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने बिजली बहाल करने के लिए चंडीमंदिर स्थित पश्चिमी कमान के मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (एमईएस) की मदद लेने का फैसला किया है। इसके अलावा पंजाब-हरियाणा के साथ अब हिमाचल प्रदेश से भी मदद मांगी जा रही है।

एमईएस भारत में सबसे पुरानी और सबसे बड़ी सरकारी रक्षा बुनियादी ढांचा विकास एजेंसियों में से एक है। यह मुख्य रूप से भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय आयुर्विज्ञान कारखानों, डीआरडीओ और भारतीय तट रक्षक सहित भारतीय सशस्त्र बलों के लिए इंजीनियरिंग और निर्माण कार्यों का प्रबन्धन करती है।

तीन दिन से स्थिति खराब

चंडीगढ़ में ब्लैक आउट (Black out in Chandigarh) का सामना लोग सोमवार से ही कर रहे हैं। ऐसे में मंगलवार दोपहर तक बिजली की सप्लाई बहाल नहीं होने पर लोगों ने पंचकूला और मोहाली की तरफ रुख करना शुरू कर दिया। किसी ने रिश्तेदारों के घर अपना डेरा जमाया तो कई लोग अपने पूरे परिवार के साथ होटलों में पहुंच गए। क्योंकि लोगों के पास कोई विकल्प नहीं बचा था, प्रशासन की लचर व्यवस्था के आगे लोगों मजबूरन अपना घर छोड़ना पड़ा।

कर्मचारियों पर लगा एस्मा, फाेन बंद कर हो गए भूमिगत

इधर, हड़ताल कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया गया है। मगर ज्वाइंट एक्शन कमेटी और कोआर्डिनेशन कमेटी ने प्रशासन द्वारा एस्मा लगाए जाने का विरोध किया है। दोनों कमेटियों ने कहा कि हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगाने के चंडीगढ़ (Black out in Chandigarh) प्रशासन की हम आलोचना करते हैं। कमेटी के संयोजक अश्वनी कुमार और कोआर्डिनेशन कमेटी के महासचिव राकेश कुमार और प्रधान सतिंदिर सिंह ने कहा कि बिजली कर्मचारी मुनाफे पर चल रहे विभाग को निजी हाथों में बेचने का विरोध कर रहे हैं। निजीकरण रोका जाना चाहिए। एस्मा को वापस लिया जाए। उधर, एस्मा लगाने जाने के बाद कई कर्मचारी नेताओं के फोन बंद हो गए। जानकारी के अनुसार, सभी कर्मचारी नेता गुप्त स्थानों पर चले गए हैं। जानकारी के अनुसार कर्मचारी नेताओं को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।

पुलिस थाने अंधेरे में, ट्रैफिक लाइट प्वाइंट भी रहे बंद

बिजली बंद (Black out in Chandigarh) होने से शहर के ज्यादातर ट्रैफिक लाइट प्वाइंट बंद पड़े रहे। हालांकि, इन लाइट प्वाइंट पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात रहे। पुलिसकर्मियों ने सुबह से शाम तक चौराहों और लाइट प्वाइंट पर खड़े होकर वाहनों को निकलवाया। इससे लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। वहीं, सेक्टर-17 में हड़ताल के दौरान पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम रहे। उधर, शहर के कई पुलिस थानों में बिजली न होने से कई घंटे तक कंप्यूटर बंद रहे। वहीं, कुछ थानों में बैटरी बैकअप होने के कारण काम प्रभावित नहीं हुआ। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हड़ताल के दौरान लगभग 100 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। इसके अलावा बिजली शिकायत केंद्रों के बाहर भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, ताकि किसी तरह का कोई हंगामा न हो। सेक्टर-9 स्थित पुलिस मुख्यालय में बिजली रही, जबकि शहर के कई थानों में लाइट नहीं थी।

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