उत्तराखंड में नमक में मिलावट का वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश में खलबली मच गई है। इस मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए देहरादून जिले की सरकारी सस्ते गल्ले राशन दुकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है।
देहरादून जिला प्रशासन ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए गुरुवार को 19 सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान नमक के नमूने लिए गए, जिन्हें खाद्य सुरक्षा अधिकारी को जांच के लिए भेजा गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि नमक में रेत और अन्य मिलावट की शिकायतें प्राप्त होने के बाद उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी के निर्देश पर सदर, चकराता, विकासनगर, मसूरी, डोईवाला और ऋषिकेश के तहसीलों में संयुक्त रूप से छापेमारी की गई। इससे पहले भी खराब गुणवत्ता वाले राशन की शिकायतें प्रशासन को मिली थीं, जिस पर उन्होंने अपर जिला अधिकारी प्रशासन को एसडीएम और तहसीलदारों के माध्यम से व्यापक जांच के आदेश दिए थे।
छापेमारी के दौरान एसडीएम सदर, चकराता, विकासनगर, मसूरी और तहसीलदार ऋषिकेश ने अपने-अपने क्षेत्र की दुकानों पर जाकर नमक के नमूने एकत्रित किए। यह कार्रवाई एक महिला द्वारा वायरल किए गए वीडियो के बाद तेज की गई, जिसमें उसने सस्ते गल्ले की दुकान से प्राप्त नमक में रेत मिलने की बात कही थी।
कुछ महीने पहले भी अनाज की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें सामने आई थीं, जिसके बाद जिलाधिकारी ने कई दुकानों पर छापेमारी कर अनियमितताओं का खुलासा किया था और सख्त कार्रवाई की थी। तब से लेकर अब तक प्रशासन लगातार सस्ते गल्ले की दुकानों की गुणवत्ता पर नजर रखे हुए है।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को भी राशन की गुणवत्ता को लेकर कोई शिकायत हो, तो वे तुरंत प्रशासन को सूचित करें ताकि समय पर उचित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की मिलावट या घटिया सामग्री वितरित करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।



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