देहरादून। चारधाम यात्रा में प्रतिदिन तय की गई तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़वाने के लिए धामी सरकार फिर से हाईकोर्ट जा रही है। सरकार याचिका दाखिल कर कोर्ट से तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने का आग्रह करेगी।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 16 सितंबर को चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटा दी थी और राज्य सरकार को कोविड-19 प्रोटोकॉल के सख्त अनुपालन के साथ यात्रा संचालित करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा कि था कि दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड निगेटिव जांच रिपोर्ट या वैक्सीन प्रमाणपत्र लाना अनिवार्य होगा। श्रद्धालुओं की दैनिक सीमा भी निर्धारित करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800, बदरीनाथ में 1200, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 यात्रियों को दर्शन की अनुमति दी जाएगी।
ऐसे मेें रोजाना तय की गई संख्या के सापेक्ष 15 अक्टूबर तक की बुकिंग हो चुकी है, मगर कई यात्री ऐसे भी हैं, जिन्हें बुकिंग की डेट नहीं मिल पा रही है। इसके चलते श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ तमाम श्रद्धालु चारधाम की यात्रा पर आने के लिए जल्द से जल्द बुकिंग का इंतजार कर रहे हैं, वहीं तमाम श्रद्धालु ऐसे भी हैं, जो रजिस्ट्रेशन कराने के बावजूद दर्शन करने नहीं पहुंच रहे हैं।
सरकार का कहना है पंजीकृत यात्रियों में केवल 50 फीसदी ही दर्शन-पूजन को धाम पहुंच रहे हैं। ऐसे में दोपहर बाद चारों धाम वीरान हो जा रहे हैं। इसकी वजह से राज्य सरकार चिंतित है। ऐसे में धामी सरकार चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के लिए हाईकोर्ट जा रही है।
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