उत्तराखंड में शीतलहर और बर्फबारी से बढ़ी ठंड, जनजीवन प्रभावित

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उत्तराखंड में दिसंबर की शुरुआत से ही कड़ाके की ठंड ने दस्तक दे दी है। इन दिनों राज्य भर में शुष्क मौसम और सर्द हवाओं का असर देखने को मिल रहा है, जिससे ठिठुरन बढ़ गई है। रात के समय पाला जम रहा है, जबकि ऊंचे पहाड़ों पर झरने भी जम गए हैं और जैसे हैं वैसे ही गिर रहे हैं।

राज्य के ऊंचे इलाकों और चारों धामों में भी शीतलहर का प्रकोप जारी है। मसूरी, नैनीताल, चोपता समेत अन्य पहाड़ी इलाकों में तापमान में गिरावट आई है। केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में तापमान माइनस में पहुंचने के बावजूद पुनर्निर्माण कार्य जारी हैं। हालांकि, पहाड़ों पर दिन में धूप खिलने से कुछ राहत मिल रही है, लेकिन रात का तापमान गिरकर बर्फीला हो जाता है।

देहरादून मौसम विभाग के अनुसार 17 दिसंबर से तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी। आगामी 19 दिसंबर तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन 21 और 22 दिसंबर को शीतलहर और कोहरे के कारण ठंड और बढ़ने का अनुमान है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

केदारनाथ धाम में रुक-रुक कर बर्फबारी हो रही है, जबकि बद्रीनाथ धाम में फिलहाल बर्फबारी के आसार नहीं हैं, लेकिन ठंड तेज है। यहां के झरने और ऋषि धारा का पानी भी जम चुका है। पिछले कुछ समय से यहां शीतलहर चल रही है और सुबह-शाम हाड़कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है। बदरीनाथ धाम में वर्तमान में मास्टर प्लान के तहत काम चल रहा है, लेकिन ठंड के कारण कार्यकर्ताओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। रात के समय यहां का तापमान माइनस 11 डिग्री तक पहुंच रहा है।