न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। भाजपा और सरकार से निकाले जाने के बाद हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat Congress) को अभी तक नया ठिकाना नहीं मिल सका है। उनके कांग्रेस में जाने की चर्चाएं जरूर हैं, मगर ये आसान भी नहीं हैं। अभी तक हरीश रावत हरक के कांग्रेस में आने पर अड़ंगा डाले हुए थे, मगर अब ऐन चुनाव के वक्त कई वरिष्ठ नेता और विधायक भी विरोध में उतर आए हैं, ऐस मेें बुधवार का दिन भी बीत गया, मगर हरक सिंह रावत को कांग्रेस पार्टी की तरफ से बुलावा नहीं आया। पार्टी हाईकमान ने अब इस मामले में सुलह-समझौते का जिम्मा प्रदेश के नेताओं के ही जिम्मे कर दिया है।
टिकट वितरण में हो रही देरी
नामांकन शुरू हाेने में एक ही दिन शेष रह गया है। 21 जनवरी से प्रदेश में नामांकन शुरू हो जाएगा और सिर्फ एक सप्ताह ही मिलेगा। इसमें भी दो दिन छुट्टी रहेगी। इसे देखते हुए पार्टी पर जल्द से जल्द पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा करने दबाव बढ़ता जा रहा है। संभव है कि आज शाम तक यह कल सुबह प्रत्याशियों की लिस्ट जारी भी हो जाए। ऐसें में हरक के पार्टी में शामिल हुए बिना उन्हें टिकट देने से पार्टी में विरोध पनपने का डर बना हुआ है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि अगर हरक (Harak Singh Rawat Congress) आज कांग्रेस में शामिल न हो सके तो उन्हें टिकट मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में अभी तक दो टिकट मांग रहे हरक (Harak Singh Rawat Congress) को एक भी टिकट नहीं मिल सकेगा। या फिर केवल उनकी बहू अनुकृति गुसाईं को ही लैंसडौन से टिकट दे सकती है।
पार्टी हरीश रावत की नाराजगी को दे रही तवज्जो
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की बागडोर संभाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की नाराजगी को पार्टी आलाकमान पूरी तवज्जो दे रहे हैं। इसीलिए हरक की वापसी को चार दिन लटकाया गया। भाजपा ने पार्टी और मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat Congress) को लेकर जो सख्त संदेश दिया तो कांग्रेस ने भी वापसी को लटकाकर उन्हें शर्तों के मामले में घुटने पर आने को मजबूर कर दिया है।
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