दिल्ली अग्निकांड : भीषण आग में लाशें बन गईं कोयला, 25 की अभी पहचान नहीं, 20 घंटे बाद भी बचाव कार्य जारी, दो गिरफ्तार

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न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। मुंडका इलाके में मेट्रो स्टेशन के पास स्थित तीन मंजिला व्यावसायिक इमारत में शुक्रवार शाम भीषण आग (delhi Mundaka fire) लग गई। हादसे में महिला समेत 27 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 लोग झुलस गए, जिन्हें ग्रीन कॉरिडोर बनाकर संजय गांधी अस्पताल भेजा गया। शनिवार सुबह तक आग जरूर बुझा ली गई है लेकिन राहत व बचाव कार्य अब भी जारी है। कई लोगों के लापता होने के चलते परिजन उनकी तलाश कर रहे हैं। देर रात तक करीब 30 गाड़ियों पर 125 से अधिक दमकल के जवान वहां काम कर रहे थे। हालांकि 10.50 बजे आग पर काबू पाने के बाद भी वहां कूलिंग का जारी था। इमारत की ऊपरी मंजिलों पर आग रह-रहकर लगे जा रही थी।

पुलिस ने मुंडका अग्निकांड (delhi Mundaka fire) मामले में पहली मंजिल पर चल रही कंपनी के दो मालिकों हरीश गोयल और वरुण गोयल को गिरफ्तार किया है। बाहरी जिला के डीसीपी समीर शर्मा ने बताया कि मुंडका में बचाव अभियान अब भी चल रहा है। अब तक 27 शव निकाले जा चुके हैं। कई शवों की हालत बेहद खराब थी। वह कोयल बन चुकी थीं। पहचानना तक मुश्किल हो रहा था कि लाश किसी औरत का है या आदमी का। एनडीआरएफ इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं और शव तो इमारत में नहीं हैं। 27 में से 25 शवों की पहचान अब तक नहीं हुई है, अज्ञात शवों की पहचान डीएनए सैंपल के माध्यम से की जाएगी। वहीं अब तक 27-28 लोगों के गायब होने की शिकायत मिल चुकी है।

अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि रात 11 बजे तक इमारत से 26 शव निकाले गए थे, जबकि एक महिला की कूदने से मौत हो गई। अभी कई लोगों के इमारत में फंसे होने की आशंका हैं, ऐसे में मौत का आंकड़ा बढ़ भी सकता है। हालांकि दमकल और पुलिसकर्मियों ने मिलकर 50 लोगों को इमारत से सुरक्षित बाहर निकाल लिया था। पुलिस ने पहली मंजिल पर चल रही कंपनी के संचालक हरीश गोयल और वरुण गोयल को हिरासत में ले लिया है। इमारत के मालिक मनीष लाकड़ा से भी पूछताछ की जा रही है।

वहीं,  स्थानीय लोगों ने दावा किया कि दूसरी मंजिल पर साइड वाली खिड़की से व बाकी जगहों से करीब 100 से ज्यादा महिलाओं और पुरुषों को निकाला गया। लेकिन देखते ही देखते आग ऊपरी मंजिलों की ओर बढ़ी तो बचाव दल ने मोर्चा संभाल लिया।

बिल्डिंग में आग से बचाव के नहीं थे इंतजाम

मुंडका की जिस इमारत में आग (delhi Mundaka fire) लगी, वहां बिना फायर एनओसी के ही कई दफ्तर चलाए जा रहे थे। कमाल की बात यह है कि बिल्डिंग में एक समय में 100 से अधिक लोग मौजूद रहते थे, लेकिन उसके बावजूद इमारत के मालिक ने वहां आग से बचाव के कोई खास इंतजाम नहीं किए थे। सूत्रों का कहना है कि इमारत में आने और जाने के लिए एक ही जीने का इस्तेमाल किया जाता था। किसी हादसे के समय बचकर निकलने के लिए इमारत में फायर एग्जिट का भी इंतजाम नहीं किया गया था। बिल्डिंग मालिक ने क्या-क्या लापरवाही की हुई थी, इसकी जांच बाद में की जाएगी। दमकल विभाग के अधिकारी ने बताया हादसे के बाद शुरुआत में दर्जन भर गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। लेकिन जैसे-जैसे आग की भयावता बढ़ती गई, वहां और गाड़ियों को तैनात कर दिया गया।

पीएम ने 2 लाख के मुआवजे का एलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी व तमाम नेताओं ने इस घटना (delhi Mundaka fire) पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की है जो प्रधानमंत्री राहत कोष से दी जाएगी।

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