उत्तराखंड के गांवों में तबाही की बारिश

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उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। गढ़वाल मंडल सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां चमोली जिले के कर्णप्रयाग तहसील में स्थित कई गांवों में हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं।

विशेष रूप से सेमी ग्वाड और सगवाड़ा गांव में नदी-नाले उफान पर हैं और भूधंसाव की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

बुधवार देर रात से शुरू हुई मूसलधार बारिश से सगवाड़ा गांव में जगत पाल सिंह बिष्ट का मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। सौभाग्य से उनका परिवार पहले से ही थराली में रह रहा था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई।

गांव के 15 अन्य परिवारों के मकान भी खतरे की जद में आ गए हैं, जिन्हें एहतियातन पंचायत भवन और अन्य सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है।

सेमी ग्वाड गांव में भूधंसाव के कारण पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कई मकानों में दरारें आ गई हैं। साथ ही, गांव के पौराणिक जल स्रोत भी भू-धंसाव की चपेट में आ गए हैं, जिससे क्षेत्र में जल संकट का खतरा मंडरा रहा है।

वहीं राड़ी गांव में घांघली गदेरे के उफान से हालात गंभीर बने हुए हैं। जगदीश पंत, दिनेश पंत, मदन मोहन और मंजू गोसाई ने बताया कि उनके मकान नीचे से खोखले हो चुके हैं, और कभी भी गदेरे में बह सकते हैं।

गौरतलब है कि 22 अगस्त को भी सगवाड़ा गांव में एक मकान ढह गया था, जिसमें एक युवती की मौत हो गई थी। अब एक बार फिर वही इलाका आपदा की चपेट में है।

एसडीएम पंकज भट्ट ने जानकारी दी कि एक मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है, जबकि दूसरा भवन भी तीव्र क्षति के कारण असुरक्षित घोषित किया गया है। दोनों मकानों में कोई नहीं रह रहा था, जिससे जनहानि टल गई।

प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी हैं। साथ ही, भूधंसाव प्रभावित क्षेत्रों में भूगर्भीय सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है ताकि भविष्य में किसी बड़ी त्रासदी से बचा जा सके।