विकास कार्यों में लापरवाही पर जिला प्रशासन का कड़ा एक्शन

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उत्तराखंड में जनहित के कार्यों में नियमों की अनदेखी और सुरक्षा से खिलवाड़ पर प्रशासन सख्त रवैया अपनाए हुए है। इसके तहत संबंधित विभागों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की जा रही है। इस क्रम में राजधानी देहरादून के  रिस्पना से धर्मपुर चौक माता मंदिर रोड और चंचल स्वीट से फाउंटेन चौक मार्गों (कुल लंबाई 2.820 किमी) पर चल रहे उत्तराखंड क्लाइमेट रिसीलियंट पावर सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (UCRPSD) के तहत किए जा रहे कार्यों में सुरक्षा और नियमों की अनदेखी करने पर एक और मामला दर्ज किया गया है।

यह परियोजना एडीबी द्वारा वित्त पोषित है और इसका उद्देश्य देहरादून शहर के मुख्य मार्गों पर उपरगामी विद्युत लाइनों को भूमिगत करना है। कार्यदायी संस्था के तहत ठेकेदार ओईआई लिमिटेड (लॉट 1) को रोड कटिंग के लिए सशर्त अनुमति दी गई थी। हालांकि, इस अनुमति में दिए गए नियमों का उल्लंघन करते हुए कार्य किए जा रहे थे, जिससे नागरिक सुरक्षा खतरे में पड़ने के साथ-साथ यातायात की समस्या भी उत्पन्न हो रही थी।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, रिस्पना से धर्मपुर चौक और चंचल स्वीट से फाउंटेन चौक तक सड़क कटाई की अनुमति में प्रदत्त शर्तों का उल्लंघन करने पर प्रशासन ने सख्त एक्शन लिया है। इस संबंध में नेहरू कॉलोनी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

संबंधित एजेंसियों को कार्य करने के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन करने की स्पष्ट हिदायत दी गई थी, लेकिन उन्होंने इन निर्देशों की अनदेखी करते हुए काम किया, जिससे आम जनता को असुविधा हुई और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया। इस लापरवाही को देखते हुए जिला प्रशासन ने तीन एजेंसियों की कार्य अनुमति तीन महीने के लिए निलंबित कर दी है। साथ ही, सुरक्षा मानकों की अवहेलना करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी विकास कार्य के दौरान निर्धारित सुरक्षा उपायों का पालन करना अनिवार्य है। निर्माण कार्य के बाद सड़क को समतल करना और मलबा हटाना भी आवश्यक है, ताकि कोई दुर्घटना न हो। प्रशासन ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि जनसुरक्षा से कोई भी खिलवाड़ करता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।