उत्तराखंड में प्रशासन को गलत जानकारी देना असिस्टेंट इंजीनियर्स को महंगा पड़ गया। दरअसल, चमोली में सोमवार को जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने क्लेक्ट्रेट सभागार में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक ली, जिसमें सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम और यातायात सुरक्षा के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया कि सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी कार्यों को प्राथमिकता दी जाए और इनकी नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए।
जिलाधिकारी ने एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों को खास निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा से पहले नेशनल हाईवे पर सभी चिन्हित अतिक्रमणों को तत्काल हटाया जाए। इसके साथ ही हाईवे से मलबे का निस्तारण निर्धारित डम्पिंग जोन में किया जाए, ताकि सड़कें साफ और सुरक्षित रहें। जिलाधिकारी ने सड़क निर्माण कंपनियों को चेतावनी दी कि यदि किसी कारणवश खराब सड़क के कारण कोई दुर्घटना होती है, तो जिम्मेदारी संबंधित निर्माण संस्था की होगी, और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं से सड़क दुर्घटना वाले स्थलों पर किए गए सुरक्षात्मक उपायों की रिपोर्ट ली। लोनिवि कर्णप्रयाग और लोनिवि थराली के सहायक अभियंताओं ने कहा कि वे दुर्घटना वाले स्थलों पर सुरक्षा कार्य पूरा कर चुके हैं, लेकिन जिलाधिकारी ने मौके पर भौतिक सत्यापन करने के लिए पटवारी को भेजा। सत्यापन में पाया गया कि नंदप्रयाग-घाट और देवाल-रूपकुंड मार्गों पर सुरक्षात्मक कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ था, जबकि अधिकारियों ने इसके पूरा होने का दावा किया था। इसके बाद जिलाधिकारी ने दोनों सहायक अभियंताओं से स्पष्टीकरण मांगा और विभागीय स्तर से उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
साथ ही, जिलाधिकारी ने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि सड़क दुर्घटना वाले क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की कमी को तुरंत दूर किया जाए और सुरक्षा उपायों को पूरी तरह लागू किया जाए। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि संकरे मार्गों, भूस्खलन क्षेत्र, विद्यालयों और आबादी वाले क्षेत्रों में क्रैश बैरियर और चेतावनी साइनेज लगाई जाए। ब्लैक स्पॉट्स पर भी अधूरे कार्यों को शीघ्र पूरा करने के लिए कहा गया।
बैठक के दौरान यह जानकारी भी दी गई कि सितंबर से दिसंबर 2024 के बीच 20 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 14 लोगों की मौत और 9 गंभीर घायल हुए, जबकि 22 लोग हल्की चोटों से प्रभावित हुए। पुलिस और परिवहन विभाग ने इस दौरान हजारों वाहनों के चालान किए।