लखनऊ। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ फतवा जारी किया गया है। इसमें शिया और सुन्नी दोनों के धर्मगुरुओं ने रिजवी को इस्लाम से खारिज करने और मुस्लिम समाज से बेदखल करने को कहा गया है।
दरसल, कुरान से 26 आयतें हटाने को लेकर वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि ये आयतें कट्टरपन और हिंसा को बढ़ावा देती हैं। इसी को लेकर मौलाना-मौलवी रिजवी की खिलाफत में उतर आए हैं।
रविवार को लखनऊ के लालबाग स्थित एक होटल में शिया-सुन्नी उलमा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और वसीम को इस्लाम से खारिज करने का फतवा दिया। यहां टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना फजले मन्नान रहमानी नदवी ने कहा वसीम इजराइल के एजेंट के रूप में काम रहे हैं। इनका मकसद सिर्फ समाज को नुकसान पहुंचाना है। वहीं, मौलाना डॉ. कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा कि वसीम के कृत्य को माफ नहीं किया जा सकता है। वसीम रिजवी हमारे समाज का हिस्सा ही नहीं हैं, उन्होंने हमेशा मुस्लिम समाज को बदनाम किया है। दोनों मौलाना ने वसीम को इस्लाम से खारिज और मुस्लिम समाज से बेदखल करने का फतवा जारी किया।
बढ़ता जा रहा विरोध
मुस्लिम समाज के अन्य लोगों में भी रिजवी को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है। शनिवार को लखनऊ के कश्मीरी मोहल्ला स्थित रिजवी के घर के बाहर मुस्लिम समाज ने विरोध जताया। भारतीय इंसानियत फोरम के अध्यक्ष और भाजपा के मुस्लिम नेता जीशान खान ने वहां साथियों संग कुरान की तिलावत की और कहा कि वसीम रिजवी के इस कदम से दुनिया भर में भारत का नाम खराब हो रहा है। रिजवी किसी न किसी तरह से अकसर देश में अराजकता फैलाने का प्रयास करते रहते हैं। जीशान खान ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में दायर वसीम रिजवी की याचिका के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
मुस्लिम महिलाओं ने शनिवार को वसीम रिजवी का पोस्टर फूंका। कहा कि जो अपने ही मजहब का नहीं हुआ वो किसी और का क्या होगा। महिलाओं ने सरकार से वसीम रिजवी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।