नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालीबान के अधिकार जमाने के बाद लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। ऐसे में आज एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है कि जो परिवार अफगानिस्तान छोड़ने में सफल नहीं हो पाए, उन्होंने अपने घर की लड़कियों को देश से निकालने के लिए उनकी शादी एयरपोर्ट पर ही करा दी। वह भी उन लोगों से जिन्हें अफगानिस्तान छोड़ने और दूसरे देश में शरण लेने की इजाजत मिली थी।
अमेरिकी अधिकारियों ने इस बारे में अपने विदेश मंत्रालय को अलर्ट किया है। अफसरों का कहना है कि कई परिवारों ने अपनी बेटियों की शादी सीधा एयरपोर्ट पर उन लोगों से करा दी, जिन्हें अमेरिका में शरण लेने की इजाजत मिली थी। इसके जरिए वे परिवार अपनी लड़कियों को तालिबान से बचाकर दूसरे देश पहुंचाना चाहते थे। हालांकि, अब तक जो निरीक्षण कार्यक्रम चला है, उसमें कई लड़कियां और महिलाएं सामने आई हैं जिन्होंने जबरदस्ती शादी की बात कबूली है।
अमेरिका ने बीते एक महीने में सबसे ज्यादा अफगान नागरिकों को रेस्क्यू किया है। इनमें अधिकतर अमेरिकी सेना के मददगार और उनके परिवार हैं। इन लोगों से पहले ही वादा किया गया था कि अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के साथ ही उन्हें देश में शरण दी जाएगी। निकासी कार्यक्रम के दौरान भी अमेरिका ने अपने मददगारों को ही प्राथमिकता दी और उन्हें परिवार के साथ सुरक्षित निकाल लिया। हालांकि, अब सामने आया है कि उनके साथ कई ऐसे लोग भी अमेरिका के निकासी केंद्रों में पहुंच गए हैं जो मददगारों के परिवारों का हिस्सा नहीं थे।
अमेरिकी अधिकारियों ने मीडिया ग्रुप सीएनएन को बताया कि अमेरिका के निकासी कार्यक्रम के तहत अफगानिस्तान से निकाले गए लोगों को पहले दूसरे देशों में रखे जाने की योजना है। इनमें कतर, यूएई और कुछ अन्य नाटो देश शामिल हैं। इन देशों में पहले अफगानों की सख्त जांच किए जाने के निर्देश हैं। यूएई में जारी ऐसी ही जांच के दौरान महिलाओं की जबरदस्ती की गई शादी का वाकया सामने आया। कुछ मामलों में तो यह भी पता चला कि लड़कियों के परिवार ने शादी के लिए उन लोगों को लाखों की रकम भी दी, जिन्हें निकासी कार्यक्रम के तहत अफगानिस्तान से निकाला जाना था।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर कहा, “हम मानव तस्करी के मुद्दे को गंभीरता से लेते हैं और पूरी दुनिया में खतरे में पड़े लोगों की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। हम अमेरिकी सरकार और अपने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से भी लगातार संपर्क में हैं, ताकि अफगान नागरिकों के संभावित मानव तस्करी के मामलों का पता लगाया जा सके और इसके पीड़ितों को सुरक्षा दी जा सके।”
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